पुलिस गश्ती दल और फायर ब्रिगेड ने त्वरित कार्रवाई की ,,,,, परन्तु तब तक काफी देर हो चुकी थी, घर और घर मालिक दोनों जलकर हुए रख, बचा घर का ढांचा और मकान मालिक का नर कंकाल
गुमला – गुमला जिला मुख्यालय स्थित घाटों में देर रात्रि लगभग एक बजे सत्यनारायण विश्वकर्मा के घर की आग की लपटे उठती देख पास-पडोस एवं मुहल्ले वासियों ने पहले अपने स्तर से पाइप बाल्टी आदि से आगबझाने के काफी प्रयास किये गए , फलस्वरूप काफी देर हुई, और उक्त आग पर काबू भी नहीं पाया जा सका ,,,,, बाद में फायर ब्रिगेड को फोन किया गया और गुमला पुलिस गस्ती दल को उक्त घटना की सूचना दी गई , सूचना मिलते ही पुलिस गश्ती दल और फायर ब्रिगेड विभागकमियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुयें उक्त घाटनास्थल पर पहुंचकर आगबुझाने का कार्य प्रारंभ किया गया, लेकिन तब तक सत्यनारायण विश्वकर्मा और उनका घर दोनों बुरी तरह जलकर राख हो चुका था , और सतनारायण विश्वकर्मा का घटनास्थल पर नर कंकाल पड़ा हुआ था , घटनास्थल पर उपस्थित जितने लोग उतनी तरह की बातें कही जा रही थी, सत्यनारायण विश्वकर्मा किसी का छुआ हुआ और बनाया हुआ खाना नहीं खाता था, और देर-रात में खाना बनाया करता था, वह पास पड़ोस वालों और मुहल्ले वालों से भी बात चीत नहीं करता था और न – ही वह उनसे छुआता था , इसी लिए वह अपने घर के आगे घेराबंदी कर रखा था , आदि अन्य अनेक बातें करते सुना गया और तो और उनके अपने परिवार और परिजनों से भी दुरी बनी हुए थी , आग कैसे लगी यह एक रहस्य बना हुआ हैं, कोई कहता है खाना बनाने में आग लगी होगी, कोई कहता है शॉर्ट सर्किट से आग लगी होगी , पर आग कैसे लगी यह किसी को पता नहीं है. आग कैसे लगी यह पता चल जायेगा तो पुरा रहस्य खुल जायेंगे ,,,,, गुमला पुलिस गश्ती दल अपने दलबल के साथ उक्त घटनास्थल पर पहुंचकर छानबीन और पुछताछ शुरू करते हुए अनुसंधान शुरू करते हुए उक्त नरकंकाल शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु गुमला सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस भेजवाया गया है, जहां जानकार लोगों का कहना हैं की संभवतः उक्त शव को फॉरेंसिक जांच हेतु रांची रिम्स रेफर किया जा सकता हैं।
न्यूज – गनपत लाल चौरसिया