गुमला – नीति आयोग के संयुक्त निदेशक अमित साहू के नेतृत्व में एक दल ने गुमला जिले में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों का दौरा किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजाति के छात्रों और बालिकाओं के लिए उपलब्ध शैक्षणिक और आवासीय सुविधाओं का निरीक्षण करना और इनके सुधार और विस्तार की संभावनाओं का आकलन करना था।
शैक्षणिक संस्थानों का भ्रमण
बालिका आवासीय उच्च विद्यालय, चपटोली
दौरे की शुरुआत बिशुनपुर प्रखंड स्थित बालिका आवासीय उच्च विद्यालय, चपटोली से हुई। यहां दल ने कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय और शैक्षणिक व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
नेतरहाट आवासीय विद्यालय
इसके बाद दल ने नेतरहाट आवासीय विद्यालय का दौरा किया। प्राचार्य संतोष कुमार और विद्यालय के पूर्व छात्र प्रिय रंजन (आईआईटी खड़गपुर के पूर्व विद्यार्थी) के साथ परिसर का भ्रमण करते हुए आश्रम पद्धति से संचालित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवलोकन किया।
- आधुनिक तकनीकों पर चर्चा:
अमित साहू ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर शिक्षा, और अन्य तकनीकी साधनों की शिक्षा में प्रासंगिकता पर विचार किया। उन्होंने यह भी चर्चा की कि नेतरहाट मॉडल की उन्नत सुविधाओं को अन्य आवासीय विद्यालयों में कैसे लागू किया जा सकता है।
सिसई आवासीय उच्च विद्यालय
दल ने सिसई प्रखंड के आवासीय उच्च विद्यालय का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने समग्र शिक्षा योजना और मध्याह्न भोजन की समीक्षा की।
- इस विद्यालय के शिक्षकों की सराहना की गई, जो सिर्फ छह शिक्षकों के बल पर 600 से अधिक छात्रों को शिक्षित कर रहे हैं।
- छात्रों ने पारंपरिक मांदर और लोक संगीत के माध्यम से दल का स्वागत किया, जो दौरे का एक आकर्षक पहलू रहा।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, सिसई
भ्रमण दल ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का भी दौरा किया। यहां उन्होंने नामांकन प्रक्रिया, भोजन व्यवस्था, खेल-कूद, स्मार्ट क्लास, लैब, और पुस्तकालय जैसी सुविधाओं का जायजा लिया।
शैक्षिक गुणवत्ता की प्रशंसा
दल ने सभी विद्यालयों में दी जा रही शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रबंधन की सराहना की। उन्होंने बताया कि इन प्रयासों से न केवल शिक्षा के स्तर में सुधार हो रहा है, बल्कि छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है।
स्थानीय परंपराओं और अतिथि सत्कार से अभिभूत
दो दिवसीय दौरे के दौरान दल स्थानीय परंपराओं और अतिथि सत्कार से प्रभावित हुआ। संयुक्त निदेशक ने कहा, “यह दौरा राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था को समझने और उनमें सुधार लाने के लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ।”
भविष्य में सुधार का आश्वासन
दल ने गुमला जिले के प्रयासों की सराहना करते हुए शिक्षा क्षेत्र में और अधिक सुधार के लिए अपने सुझाव देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए शैक्षणिक और आवासीय सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए नीति आयोग हर संभव प्रयास करेगा।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया