गुमला :- गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देशानुसार “शिक्षा कर भेंट” गतिविधि के अंतर्गत ग्रीष्मावकाश अवधि में सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के लिए जिले के सभी प्रखंडों में विभिन्न स्थलों पर निःशुल्क समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। इन समर कैंप का उद्देश्य बच्चों के रचनात्मक कौशल को बढ़ावा देना तथा अवकाश काल को उपयोगी एवं ज्ञानवर्धक बनाना है।
इसी क्रम में आज झारखंड शिक्षा परियोजना गुमला की अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एडीपीओ) ज्योति खलखो द्वारा रायडीह प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय महुआटोली में आयोजित समर कैंप का दौरा किया गया। इस दौरान उन्होंने बच्चों के साथ विभिन्न शैक्षणिक एवं रचनात्मक गतिविधियों में भाग लिया तथा बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
खलखो ने बताया कि उपायुक्त गुमला के मार्गदर्शन में जिले में शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए नवाचारी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के समन्वय से जिले के सभी बीआरसी एवं सीआरसी केंद्रों पर समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में शैक्षिक गतिविधियों के साथ-साथ खेल, कला, हैंडक्राफ्ट, संगीत आदि गतिविधियों के माध्यम से बच्चों की बहुआयामी प्रतिभा को विकसित किया जा रहा है।
समर कैंप के संचालन में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, पीरामल फाउंडेशन, प्रथम एजुकेशन तथा टाटा सिन्नी की अहम भूमिका है। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा विभिन्न संकुल संसाधन केंद्रों में दो दिवसीय गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं, जबकि पीरामल फाउंडेशन द्वारा पंचायत स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से समर कैंप आयोजित किए जा रहे हैं।
शिक्षा कर भेंट के सहायक नोडल पदाधिकारी दिलदार सिंह ने बताया कि समर कैंप में बच्चों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए रोचक एवं ज्ञानवर्धक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं।
इस पहल को सफल बनाने में जिला शिक्षा पदाधिकारी कविता खलखो, जिला शिक्षा अधीक्षक नूर आलम खां, एडीपीओ ज्योति खलखो, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से सोनालिका एवं आशुतोष, पीरामल फाउंडेशन से प्रमोद जायसवाल, तथा सभी बीआरसी के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी – चंद्रशेखर शहदेव, अभिजीत, तपेश्वर साहू, एंजलीना मिंज, पुष्पा लकड़ा, नीरज कुमार, सरफराज आदि सक्रिय रूप से शामिल हैं।
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि समर कैंप को गुणवत्तापूर्ण, बाल केंद्रित एवं आनंददायक बनाया जाए, ताकि यह बच्चे बेहतर सिख सकें।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया