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Tuesday, September 17, 2024
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तजाकिस्तान में फंसे 44 मजदूरों की कल होगी वतन वापसी, अन्नपूर्णा देवी, सीएम व श्रम मंत्री के प्रति परिजनों ने जताया आभार

गिरिडीह : (कमलनयन) झारखड सत्कार के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता एवं केन्द्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी के सार्थक प्रयास से तजाकिस्तान में फंसे झारखंड के गिरिडीह,  हजारीबाग व बोकारो जिले के सभी 44 मजदूरों की सोमवार सुबह को वतन वापसी होगी। जानकारी के मुताविक वतन वापसी के लिए सुबह 10:50 बजे सभी मजदूर तजाकिस्तान से उड़ान भरेंगे और 12:50 बजे दिल्ली पहुंचेंगे। अपनों की घर वापसी को लेकर परिजनों में खुशी का माहौल है। परिजनों ने केन्द्रीय राज्यमंत्री एंव हेमंत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है.

एजेंट ने मजदूरों का कॉल तक रिसीव नहीं किया

बताते चलें कि दलालों के चक्कर में ज्यादा पैसे की लालसा में सभी 44 मजदूरों को तजाकिस्तान गये थे। लेकिन समय पर तनख्वाह नहीं मिलने, खाने-पीने में हो रही परेशानी की जानकारी मजदूरों ने एजेंट को मोबाइल पर देने की कोशिश की. एजेंट ने मजदूरों का कॉल तक रिसीव नहीं किया। जिससे विवश होकर मजदूरों ने प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करनेवाले सिकन्दर अली के माध्यम से तजाकिस्तान से घर वापसी कराने की गुहार लगाई। सिकन्दर अली ने तत्परता दिखाते हुए अपने प्रवासी ह्वाट्सएप ग्रुप और फेसबुक के माध्यम से सारे मीडिया एवं क्षेत्र के सारे जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी। इसके बाद जनप्रतिनिधि एवं विभागीय मंत्री ने उनकी घर वापसी के लिए हरसंभव उपाय कर उनकी वापसी एवं उनके बकाये वेतन का प्रयास किया। फलस्वरूप मजदूरों के दो माह की बकाया राशि का भुगतान हो पाया, और कल घर वापसी भी हो जाएगी.

सिकन्दर अली ने मजदूरों का दिया साथ

इधर, इस मामले को लेकर प्रवासी मजदूरों की आवाज उठाने वाले सिकन्दर अली का कहना है कि यह पहली घटना नहीं है, जब काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं। वहां पर उन्हें कई तरह की यातनाएं झेलनी पड़ती है। बड़ी मुश्किल से वे वतन लौट पाते हैं ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। गिरिडीह से हर साल काम को लेकर दलालों के चक्कर पड़कर काम के लिए विदेश चले जाते हैं और चंद महीनों बाद वहां मजदूरों के समक्ष कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है. इसके बाद दलाल कुछ कर नहीं पाता या वह फरार हो जाता है. यह सिलसिला लंबे समय से जारी है. लेकिन गरीबी-बेरोजगारी के कारण लोगों को विदेश जाना ज्यादा आसान लगता है.

वतन वापसी करनेवाले मजदूरों की सूची

गिरिडीह के बगोदर प्रखंड के अडवारा के संतोष महतो, सरिया प्रखंड अंतर्गत लुतयानो के तेजो महतो, चिचाकी के दशरथ महतो, नुनूचंद महतो, गणेश महतो, डुमरी प्रखंड अंतर्गत दुधपनियां के नंदू कुमार महतो, खेचगढी के प्रदीप महतो, चेगडो सोहन महतो, गिरि महतो, डुमरी के बीरेन्द्र कुमार, घुजूडीह के नकुल महतो। हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ़ अंतर्गत खरना तिलेश्वर महतो, प्रदीप गंजु, रामेश्वर महतो, महाबीर महतो, रीतलाल महतो, गोवर्धन महतो, मीतलाल महतो, भलुआ के जगदीश महतो, बासुदेव महतो, प्रेमचंद महतो, बरहमदेव महतो, गोविंदपुर, बालेश्वर महतो, आशोक सिंह, जोबर के आयोध्या महतो, उमेश महतो, टेकलाल महतो, तालो महतो, बीरू सिंह, संतोष महतो, बंदखारो के मंगर महतो, नारायण महतो, कृष्णा कुमार मंडल, दिलीप महतो, विनय महतो, मनोज कुमार महतो, त्रिभुवन महतो, लालदेव महतो, बसंत मंडल तुलसी महतो, नेरकी के रोहित सिंह, बोकारो जिले के गोमियां प्रखंड अंतर्गत सिधाबारा के मुकेश महतो,महुआटांड के टीको महतो,बोकारो थर्मल के कमलेश अगरिया शामिल हैं।

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