खलारी, 24 सितम्बर : मोहननगर में रविवार को संत रामपाल जी महाराज के ऑनलाइन सत्संग में श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान संत रामपाल जी महाराज ने अपने वाचन में कहा कि शास्त्र अनुकूल भक्ति से ही मुक्ति संभव है। इसलिए पूर्ण संत से ज्ञान समझकर उनका सत्संग देखकर दीक्षा लेकर सच्चे मंत्र का जाप करने से मोक्ष संभव होगा। कहा कि हम सभी को शास्त्र अनुकूल भक्ति करने तथा 84 लाख योनियों के महाकश्ट से मुक्ति संभव है। काल के जाल से निकलने के लिए प्रयास करें, अन्यथा काल के जाल में उलझकर रह जाएंगे। कहा गया कि सत्संग के माध्यम से जीव को यह पता चलता है कि उसका निज घर कौन सा है। उसका असली घर सतलोक है। वापस जाने के लिए पूर्ण परमात्मा की भक्ति से ही जाया जा सकता है। इस दौरान सभी धर्म शास्त्रों तथा गीता, बाइबल, कुरान, गुरुग्रंथ साहिब, पुराणों तथा कबीर सागर में लिखे गूढ़ रहस्य को दिखाकर उनका वाचन किया गया। साथ ही उनका जीवन में अनुसरण करने का उपदेश दिया गया। वहीं उनके शिष्यों ने कहा कि वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही वह संत है, जो हमें महाकष्ट से निकाल सकते है। इसलिए उनके ज्ञान को समझे और सत्संग के आयोजन से जुड़े। संत रामपालजी महाराज के सत्संग को ग्रहण करके लोग सामाजिक बुराइयों व कुरीतियों से दूर होते जा रहे हैं तथा नशे की लत को छोड़ ख़ुश होकर जीवन जी रहे है। साथ ही पूरे देश में धार्मिक कार्यक्रम समाज को जागरूक करने के लिए आयोजित किए जा रहे हैं। इस सत्संग कार्यक्रम में वीरेंद्र दास, महावीर दास, अरुण दास, पारस दास, रमाकांत दास, रामसुन्दर दास, जीतवाहन दास, आरती दासी, सुमन दासी सहित सैकड़ो श्रद्धालु उपस्थित थे।