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Sunday, September 22, 2024
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सिख समाज सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए कई बार आगे आया : बाबूलाल मरांडी

साहबजादे वीर बलिदान दिवस में शामिल हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी

गिरिडीह (कमलनयन) : मुगल शासकों के अत्याचार के खिलाफ लड़ कर बलिदान देनेवाले सिख समुदाय के चार साहबजादे का वीर बाल दिवस मंगलवार को गिरिडीह के स्टेशन रोड स्थित प्रधान गुरुद्वारा में मनाया गया। गुरुद्वारा के प्रधान सेवक डॉक्टर गुणवंत सिंह मोंगिया और पूर्व प्रधान सचिव डॉक्टर अमरजीत सिंह सलूजा के नेतृत्व में मनाए गए बलिदान दिवस में सिख समुदाय के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, जमुआ विधायक केदार हाजरा, पूर्व मंत्री चंद्रमोहन प्रसाद, पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी, जिला अध्यक्ष महादेव दुबे, सुनील पासवान, जिला महामंत्री संदीप डंगाईच, सुभाष चन्द्र सिन्हा, सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव, उषा कुमारी, शालिनी वैशखियार, संजीत सिंह पप्पू, रंजीत बरनवाल, डॉ. विद्या भूषण समेत कई भाजपा नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। मौके पर भाजपा नेताओं को भगवा सिरोपा पहनाकर सम्मानित किया गया। इस दौरान स्थानीय रागी जत्था भाई ज्ञानी सिंह ने अरदास के जरिए सनातन धर्म की रक्षा के लिए लड़े चार साहबजादे की वीरता को बताया और कहा कि मुगल शासक ने सनातन धर्म समेत सिख समुदाय के लोगों को धर्म परिवर्तन करने को कहा। और जब धर्म परिवर्तन से इंकार किया गया, तो कई तरह की यातनाएं दीं गई। चार साहबजादे की दादी माता गुजरी देवी ने अपने चारों बच्चों को धर्म की रक्षा के लिए बलिदान होने को कहा, जिसे सनातन धर्म की रक्षा हो सके। भाई ज्ञानी सिंह ने कहा कि अब तक युवाओं को गलत इतिहास ही पढ़ाया गया।

48 घंटे का हुआ अखंड पाठ, शबद कीर्तन का भी आयोजन हुआ

भाजपा नेता सह प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आनेवाली युवापीढ़ी को सिख समुदाय के त्याग और बलिदान की जानकारी तो होनी ही चाहिए कि किस तरह से सिख समुदाय ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए कई बार तलवार उठायी, और मुस्लिम शासकों से लड़ाई की। क्योंकि मुस्लिम शासकों ने देश और सनातन धर्म पर लगातार हमले करते रहे। इधर, वीर बलिदान दिवस को लेकर प्रधान गुरुद्वारा में 48 घंटे का अखंड पाठ का हुआ, जबकि शब्द कीर्तन का भी आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय रागी जत्था भाई ज्ञानी सिंह के साथ सिख समुदाय के नन्हें बच्चों ने कई भजन पेश किया। मौके पर सिख समुदाय के सतविंदर सिंह सलूजा उर्फ मणि, जोरावर सिंह सलूजा उर्फ सिल्की, तरणजीत सिंह बंटी, हरेंद्र सिंह सलूजा उर्फ गिन्नी, ऋषि सलूजा, सरदार तिरलोचन सिंह सलूजा, चरणजीत सिंह सलूजा, भाजपा के नगर अध्यक्ष हरमिंदर सिंह बग्गा समेत गुरूद्वारा सिख सभा के सदस्यों की भूमिका खास रही।

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