अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कस्तूरबा विद्यालय की एक पीटी टीचर कमला कुमारी के खिलाफ आखिरकार रायडीह के कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ने वाली तीन सौ छात्राओं ने मोर्चा खोल दिया है।सभी छात्राओं ने पीटी टीचर की कार्यशैली से छुब्ध होकर एक साथ स्कूल छोड़ने की भी धमकी दे डाली है।जनप्रतिनिधियों व सिक्छा विभाग के अधिकारियों के कान में यह बात आने के बाद बीते सोमवार,मंगलवार व शुक्रवार को स्कूल में बैठक कर छात्राओं को समझाया गया है।फिलहाल स्कूल छोड़ने की बात से छात्राएं पीछे हट गई है। मगर स्कूल से पीटी टीचर को हटाने की मांग पर अड़ी हुई है।
ऐसे बताया जाता है कि स्कूल में नामांकित 350 छात्राओं में से 70 छात्राएं पीटी टीचर की कार्यशैली से छुब्ध होकर अपनी बीमारियों का हवाला देते हुए अपने घर चली गई है। छात्राओं ने बताया कि पीटी टीचर जब से यहां योगदान दी है तब से उनका व्यवहार ठीक नही है। वे छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार करती है।अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मारपीट करते हुए गरीब कहकर प्रताड़ित करती है।पीटी टीचर द्वारा उनसे कपड़ा धुलवाया जाता है।इनकार करने पर प्रताड़ना की हद बढ़ जाती है।उनके बीच हमेशा किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है।वे पीटी टीचर के कारण डर के साये में रहने को विवश है।
छात्राओं की इन बातों को सुनने के बाद शुक्रवार को सिक्छा विभाग के अधिकारी भी स्कूल पहुँचे थे।वे भी छात्राओं को मान मनौउल पर जुटे हुए थे।मगर अधिकारियो के समछ छात्राएं रोने लगी।इसके बाद अभिभावक रंथु लोहरा,नेलशन लकड़ा,जोगेन्द्र महली,सुनीता देवी, सबीता देवी,प्रसान्नी देवी,पंकज कुजूर, जैलेन्द्र उराँव आदि ने भी सिक्छा विभाग से ऊकत पिटी टीचर को हटाने की मांग की।अन्यथा बच्चो को साथ ले जाने की चेतावनी दी।इसके बावजूद सिक्छा विभाग के अधिकारी किसी निष्कर्ष पर नही पहुँचे।तब कुछ अभिभावक अपने चार पांच बच्चों को साथ घर ले गए।
इस बावत पीटी टीचर कमला कुमारी से जब पूछा गया तो पहले उन्होंने पत्रकारो पर ही रौब दिखाने की कोशिश की। मोबाइल में छात्राओं के द्वारा कैद किये गए बातों को डिलीट करने को कहा। फिर कहा कि मेरे उपर लगाया गया आरोप गलत है। बच्चों को मेरे खिलाफ भड़काया गया है।
न्यूज़ – गनपत लाल चौरसिया