डॉ अमित सिन्हा ने श्री चम्पई सोरेन को भाजपा से हाथ मिलाने पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि
झामुमो में परिवारवाद, तानाशाही, बाहरी लोगों का पूर्णतः नियंत्रण होने के कारण झामुमो को खड़ा करने वाले आंदोलनकारी नेताओं का मोहभंग हो चुका है।
झारखंड आंदोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेताओं को पार्टी के अंदर उपेक्षित और अपमानित किया जा रहा है।
जल-जंगल-जमीन के मूल सिद्धांतों से विमुख हो चुकी झामुमो अब एक डूबता जहाज है। पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र खत्म होने और दलाल बिचौलियों का वर्चस्व स्थापित होने के कारण शीघ्र ही एक-एक कर सारे आंदोलनकारी नेता और कार्यकर्ता झामुमो छोड़ भाजपा का दामन थामेंगे !
चंपई जी, लोबिन जी जैसे सीनियर आंदोलनकारी नेताओं का अपमान से आहत होकर एक-एक कर पार्टी छोड़ जाना यह बताता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा अब आंदोलनकारियों की पार्टी नहीं बल्कि बाप-बेटे की प्राईवेट लिमिटेड कंपनी बन कर रह गई है।
News – विजय चौधरी