गुमला जिले में लोकतंत्र का पर्व शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हुआ। इस बार के विधानसभा चुनाव में गुमला, सिसई, और बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्रों ने लोकतंत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। कुल मिलाकर 69.68% मतदान ने इस तथ्य को साबित किया कि जनता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक है।
शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुए चुनाव
गुमला जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों—गुमला, सिसई, और बिशुनपुर में मतदान प्रक्रिया बेहद शांतिपूर्ण रही।
सभी मतदानकर्मियों ने अपनी जिम्मेदारियां पूरी करते हुए चुनाव को सफल बनाया। देर रात तक, और कई मामलों में अगले दिन सुबह तक, मतदानकर्मी सुरक्षित लौटे।
प्रत्याशियों का भाग्य स्ट्रॉन्ग रूम में बंद
गुमला जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 52 प्रत्याशी मैदान में हैं। चुनाव संपन्न होने के बाद सभी ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को सख्त सुरक्षा व्यवस्था के तहत जिला पॉलिटेक्निक कॉलेज के स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। इन मशीनों की सील 23 नवंबर 2024 को खुलेगी, जब मतगणना होगी।
जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने चुनावी प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए थे। कड़ी सुरक्षा के बीच यह सुनिश्चित किया गया कि हर वोट सुरक्षित और निष्पक्ष तरीके से डाला जाए।
विधानसभा क्षेत्रवार मतदान विवरण
गुमला जिले में पुरुष और महिला दोनों मतदाताओं ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। मतदान प्रतिशत में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही।
1. सिसई (67)
- कुल मतदान प्रतिशत: 72.12%
- पुरुष मतदाता: 69.90%
- महिला मतदाता: 74.24%
2. गुमला (68)
- कुल मतदान प्रतिशत: 65.68%
- पुरुष मतदाता: 64.63%
- महिला मतदाता: 66.69%
3. बिशुनपुर (69)
- कुल मतदान प्रतिशत: 70.91%
- पुरुष मतदाता: 68.15%
- महिला मतदाता: 73.61%
कुल विवरण
- कुल मतदाता: 553,267
- कुल मतदान प्रतिशत: 69.68%
- पुरुष मतदाता: 67.63%
- महिला मतदाता: 71.65%
यह आंकड़े बताते हैं कि महिलाएं लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अधिक सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
चुनाव के पीछे प्रशासन की तैयारी
गुमला जिला प्रशासन, खासकर उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी और पुलिस कप्तान शंभू कुमार सिंह, ने चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए भरपूर प्रयास किए। मतदान कर्मियों, सुरक्षाबलों और अधिकारियों की मेहनत और समर्पण के कारण चुनाव सुचारू रूप से संपन्न हुआ।
मतदान प्रक्रिया में तकनीकी सावधानियां
ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल सुनिश्चित करता है कि हर वोट सही तरीके से रिकॉर्ड हो। सभी मतदान मशीनों को मतदान के तुरंत बाद सील कर दिया गया।
गुमला के मतदाताओं का उत्साह
गुमला के लोगों ने अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लिया। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मतदाताओं का उत्साह देखने लायक था।
प्रेरणा स्रोत बनीं महिलाएं
महिलाओं की उच्च मतदान दर ने यह साबित कर दिया कि वे अपने अधिकारों के प्रति न केवल जागरूक हैं, बल्कि जिम्मेदारी भी समझती हैं।
आगे का रास्ता
23 नवंबर को जब मतगणना होगी, तब यह तय होगा कि कौन विजयी होगा। इसके साथ ही यह चुनाव हमारे लोकतंत्र की ताकत को एक बार फिर से दर्शाता है।
मतदान एक अधिकार ही नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। गुमला जिले के लोगों ने इसे समझते हुए शांतिपूर्ण और प्रभावशाली तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जिला प्रशासन ने चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आइए, हम सभी इस उदाहरण से प्रेरणा लें और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।