गुमला : – गुमला जिले के पारंपरिक कारीगरों की कड़ी मेहनत और कला को मान्यता देते हुए, मांदर की पारंपरिक कला को जी.ओ. (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) टैग प्रदान करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस संबंध में, जी.ओ. आवेदन संख्या 777 के लिए अंतिम सुनवाई अब 20 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी।
सुनवाई के दौरान गुमला जिले के प्रतिनिधि के रूप में एक टीम नई दिल्ली में उपस्थित होगी। इस टीम में जी.ओ. विशेषज्ञ, गुमला जिला के समन्वयक श्री सूरज कुमार, मांदर सहकारी संस्था के एक पदाधिकारी, और कम से कम दो कारीगर शामिल होंगे। इस टीम को मांदर बनाने के लिए आवश्यक कच्चे माल और तैयार उत्पाद भी साथ लाने होंगे।
यह एक ऐतिहासिक अवसर है, जो गुमला जिले के कारीगरों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी कला की पहचान दिलाने का अवसर प्रदान करेगा। इसके साथ ही, यह उनके व्यवसायिक विकास और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया