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Friday, May 9, 2025
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गुमला जिला से अंतरराज्यीय क्षेत्रों में ले जाया जा रहा हैं अवैध रेत

गुमला जिला से अंतरराज्यीय क्षेत्रों में ले जाया जा रहा हैं अवैध रेत ( बालू ) , उक्त अवैध धंधा में , दोषी कौन ,,,,, सरकार , संबंधित विभाग , ठेकेदार , बिजोलिया या खरीदार ,,,,,?????

संबंधित विभाग के पदाधिकारी से लेकर कर्मचारी तक , मंत्री से लेकर संत्री तक, ठेकेदार से लेकर बिजोलिया तक,,,,, सभी हो रहे हैं मालामाल याने की करोड़पति

गुमला – गुमला जिला के शंख‌नदी से बॉर्डर क्षेत्र पार छत्तीसगढ़ ( जशपुर ) , कोयनदी नागफेनी , चरअंबा नदी , गुमला , , घाघरा डुको शिकवार गांव सहित गुमला जिला अंतर्गत स्थित विभिन्न डंपिंग यार्डो सहित जिले के विभिन्न नदियों से एक ही परमिट से पुरे दिन और देर रात्रि तक अवैध रेत ( बालू ) का अवैध खुला खेल फर्रुखाबादी खेल खेला जा रहा हैं और उक्त अवैध धंधा धड़ल्ले से जारी हैं , आखिर उक्त अवैध रेत ( बालू ) की लूट की छुट किसने दी हैं,,,,,????? उक्त संबंधित क्षेत्रों के ग्रामीणों ने अपने नाम उजागर नहीं करने का आग्रह करते हुयें, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा हैं कि जब उक्त अवैध रेत ( बालू ) का धंधा आम नागरिकों की नजर में दिखाई दे रहा हैं फिर उक्त अवैध रेत (बालू) का धंधा संबंधित मीनिंग खनन विभाग को क्यों नहीं दिखाई दे रहा हैं , तो क्या उनकी आंखों का चश्मा ख़राब हो चुका है या , मोतियाबिंद हों गई हैं , या फिर उक्त लोग नवीना ( आंधें ) हों चुकें हैं, उन्होंने यह भी आरोप लगाया हैं कि उक्त रेत ( बालू ) के अवैध धंधे का व्यापार करोड़ों में हो रहा हैं , जिसमें ठेकेदार, बिचोली और सहित मंत्री से लेकर संत्री तक सभी उक्त अवैध रेत (बालू) के धंधे में संलिप्त हैं और तो और उक्त रेत बालू झारखंड की राजधानी रांची सहित विभिन्न आस-पास के क्षेत्रों में लेजाया जा रहा हैं और उक्त अवैध रेत (बालू) काफी ऊच्चे दाम में बेचा जाता हैं, और फिर होती हैं बंन्दरबांट और संबंधित लोग हो रहें हैं मालामाल यानी कि करोड़पति ,,,,, दोषी कौन सरकार, संबंधित विभाग, ठेकेदार , बिजोलिया या खरीदार,,,,,????? उक्त अवैध रेत ( बालू )खनन व्यापार में सम्मिलित माफियाओं के कारण करोड़ों रुपए के बने विकास कार्य में सहयोगी बने पुल – पुलियाओं का अस्तित्व खतरे में पड़ गया हैं और पुल – पुलियाओं के नीचे से बालू निकासी करने के कारण निर्माण कार्य में करोड़ों रुपए के निर्मित पुल – पुलिया में दरार आ गए हैं ।

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