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Thursday, September 19, 2024
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‘बाल विवाह मुक्त गिरिडीह’ के लिए जिलास्तरीय सम्मेलन: DDC ने कहा-बाल विवाह जैसे सामाजिक अपराध को खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा

गिरिडीह: जिला प्रशासन एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार ‘बाल विवाह मुक्त गिरिडीह’  निर्माण के लिए जिलास्तरीय एकदिवसीय सम्मेलन का आयोजन विवाह भवन गिरिडीह में किया गया।  सम्मेलन का शुभारंभ उप विकास आयुक्त शशि भूषण मेहरा व जिला प्रशासन के वरिष्ठ पदाधिकारियों व बच्चों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। सम्मेलन को संबोधित करते डीडीसी ने कहा कि “बाल विवाह जैसे सामाजिक अपराध को समाप्त करने के लिए सबको सम्मिलित प्रयास करना होगा। ग्राम संरक्षण समितियां और ग्राम पंचायतें गंवों के स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाएं और बाल विवाह पर निगरानी रखें। प्रशिक्षु आईएएस उत्कर्ष कुमार ने कहा कि हम सभी को मिलकर सूचना तंत्र को मजबूत बनाना होगा, ताकि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए सही समय पर तैयारी की जा सके और लोगों को जागरूक किया जा सके।

जिले को बाल विवाह से मुक्त कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम: प्रोग्राम मैनेजर

सम्मेलन को संबोधित करते हुए कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के प्रोग्राम मैनेजर गोविंद प्रसाद खनाल ने कार्यक्रम के उद्देेेश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कार्यक्रम हमारे जिले को बाल विवाह से मुक्त कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। प्रशासन, समाज,ग्राम पंचायतें व बच्चों का, इस बुराई के खिलाफ आज का यह संयुक्त प्रयास, बाल विवाह से बच्चों की सुरक्षा की शुरुआत है। हम सब मिलकर बाल विवाह के मुद्दे पर जनजागरूकता अभियान चलायेंगे। बाल पंचायत प्रतिनिधि नेहानाज ने कहा कि हमें ख़ुशी है कि हम बच्चों की सुरक्षा के लिए आज समाज के सभी महत्वपूर्ण लोग एक साथ आये। ऐसे कार्यक्रम और प्रशासन का सहयोग मिलने से हम सभी का हौसला बढ़ता है।

शिक्षा को बढ़ावा देना जरूरी: एसडीओ

खोरीमहुआ अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन द्वारा तिसरी और गांवा के हर क्षेत्रों में जिस प्रकार जागरूकता हेतु दीवाल लेखन हो या फिर कार्यक्रम के माध्यम से यह मैंने देखा है जो काबिलेतारीफ है। अब मिलकर पूरे जिले में बाल विवाह रोकने का काम किया जायेगा। लेकिन इसके लिए शिक्षा को बढ़ावा देना तथा अन्य बाल शोषण के प्रति जागरूकता को प्राथमिकता देना होगा। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल विवाह, ट्रैफिकिंग, बाल श्रम जैसे बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए संकल्पित है। यदि कहीं भी बाल विवाह हो रहा हो तो लोग निडर होकर सूचित करें। बाल विवाह रोकने के लिए कई स्तर पर कमिटी बनी हुई है, पर जरूरत है आगे आकर सूचना प्रदान करने की। कार्यक्रम में गिरिडीह के  सभी अनुमंडल पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, जिला परिषद सदस्य, प्रमुख, मुखिया, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन से सुरेंद्र पंडित, रत्नेश तिवारी, उदय राय, राजेश सिंह, संदीप नयन, अमित कुमार, राजू सिंह, छोटेलाल पांडेय, बाल पंचायत के बच्चे सहित सैकड़ों प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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