श्रीश्री आदि दुर्गा मंडा : अद्भुत अनूठा और चमत्कारी है मां का दरबार
गिरिडीह (कमलनयन) : भारतीय सनातनी परम्परा में शक्ति का संबंध देवी दुर्गा से है। मां दुर्गा ही तीनों लोकों में सर्वं शक्तिमान है। ब्रम्हाण्ड में मौजूद हर प्रकार की शक्ति इन्हीं की कृपा से प्राप्त होती है और अंत में इन्हीं में समाहित हो जाती है। इसलिए मां दुर्गा की उपासना आदि शक्ति के रूप में की जाती है। माँ दुर्गा अपने भक्तों के लिए धरती पर धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करने के लिए अनेक रूपों में प्रगट हुई है। देश के विभिन्न भागों में भक्तगण जगत-जननी की आराधना विविध स्वरूपों में करते हैं। हम यहा चर्चा कर रहे हैं झारखंड के गिरिडीह में स्थित श्रीश्री आदि दुर्गा मंडा (बड़ी मइया) के दरबार की महिमा की, जहां 18वीं शताब्दी से ही अनवरत नवरात्रों में जगत जननी की नौ दिवसीय पूजा होती आ रही है। ‘बडी माँ’ का यह दरबार अद्भुत ,अनूठा और चमत्कारी है। इस दरबार में हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है। नवरात्रों में ममतामयी बड़ी मइया के दरबार से कोई भी खाली हाथ वापस नही लौटता। नवरात्रों में माता रानी अपने भक्तों को पूर्ण आर्शीवाद प्रदान करने पधारती है।
माता भक्तों को बदलते स्वरूपों का एहसास जीवंत रूपों में कराती है
सप्तमी को आगमन के साथ ही दरबार के पट भक्तों के लिए खुलते हैंं. भक्त भी बड़ी माँ का स्वागत श्रीफल सहित अन्य सामग्रियों से करते हैं। इस अद्भुत दरबार की विशेषता है कि महासप्तमी से विजया दशमी तक इन चार दिनों के दौरान माता का मुख मंडल स्वाभाविक रूप में बदलता है। पुराने जानकारों के मुताबिक कहते हैं कि माता के इस अद्भुत दरबार में माँ भगवती के स्वाभाविक मुखमंडल का दर्शन किसी को करना हो तो शारदीय नवरात्रों के पावन दिनों में बड़ी माँ के दरबार में पहुचकर एकाग्र होकर सरल मन से माता के मुखमंडल की आभा को निहारे, भक्तों को स्वतः महसूस होगा कि माता उन्हें स्वाभाविक मुद्रा में आशीष प्रदान कर रही है। महासप्तमी से लेकर विजयादशमी तक माता के मुंखमंडल के भाव बदलते हैं। जगत की पालनहार माता अपने भक्तों को बदलते स्वरूपों का स्पष्ट एहसास जीवंत रूपों में कराती है।
श्रीश्री आदि दुर्गा मंडप में प्रतिमा गढ़ने में साँचों का उपयोग नहीं होता
महासप्तमी को ममतामयी माँ का सुन्दर व सलोने रूप का मुखमंडल का भाव बेटी के अपने मायके पहुचने के बाद जैसा ही हंसमुख होता है। महाअष्टमी, और महनवमी को मॉ का आकर्षक व तेज मुखमंडल प्रसन्नचिन्ह मुद्रा में भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करनेवाला रहता है और विजयादशमी को ममतामयी माता के आलौकिक मुखमंडल की आभा अंत्यत शांत, सौम्य और अपनों से विछुड़ने की पीड़ा दर्शाती दिखायी देती है। मानो मॉं के निर्मल ह्दय में अपने भक्तों से एक वर्ष के लिए बिछुड़ने की पीड़ा हो और जब विदाई की बेला आती है और हजारों भक्त कांधे पर जय दुर्गे के जयकारों के साथ माता के विर्सजन शोभायात्रा शामिल होते हैं, तब माता के सौम्य मुख मंडल पर विरह की पीड़ा स्पष्ट रूप महसूस की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि आधुनिकता के इस दौर में भी श्रीश्री आदि दुर्गा मंडप में प्रतिमा गढ़ने में साँचों का उपयोग नहीं होता है. मूर्तिकार अपने हाथों से ही पूरी प्रतिमा गढ़कर आदि शक्ति के जीवंत रूपों में भक्तों को दर्शन कराते हैं.
पूजा पंडालों के पट खुलने के बाद विधायक, डीसी-एसपी के अलावा हजारों भक्तों ने भी माता रानी के दर्शन किए
गिरिडीह शक्ति-साधना का महापर्व शारदीय नवरात्रों की महासप्तमी को भक्ति संगीत की आध्यात्मिक ध्वनि धूप-अगरबत्ती, घी के दीए की भीनी-भीनी सुगंध एवं श्रद्धालुओ के माता के समक्ष झुके शीष के बीच शनिवार को भक्तिमय वातावरण में पूजा पंडालों के पट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिये गये। पट खुलते ही भक्तों ने ढोल, नगाड़ों. शंख ध्वनि के साथ नारियल चढ़ाकर कर माता रानी का स्वागत किया। पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ बेलभरनी एवं नव पत्रिका पूजन कर पट खोले गये। इस मौके पर कई पूजा पंडालों का उद्घाटन क्षेत्र के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, समेत अन्य जन प्रतिनिधियों, समाजसेवियों ने किया। मौके पर जिला अधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा, पुलिस कप्तान दीपक शर्मा सहित जिला एवं पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे।
विभिन्न पूजा पंडालों की समितियों के पदधारी व पुलिस-प्रशासन मुस्तैदी से जुटे
पट खुलने के साथ ही पंडालों में भक्तों का आवागमन शुरू हुआ जो, देर शाम तक चलता रहा. माता के दर्शन के लिए लोगों को कठिनाई न हो, इसके विभिन्न पूजा पंडालों की समितियों के पदधारी और पुलिस-प्रशासन मुस्तैदी से लग गए हैं. श्रद्धालुओं जिला मुख्यालय के चौक स्थित श्रीश्री आदि दुर्गा मंडप, छोटकी काली मंडा, बरवाडीह पुलिस लाइन दुर्गा पूजा समिति, बाभनटोली दुर्गा पूजा समिति, बरगंडा काली मंडा, बरगंडा सांस्कृतिक क्लब, बीबीसी रोड स्थित नवयुवक दुर्गा पूजा समिति, बरमसिया रक्षित हाउस पूजा समिति, विजय इंस्टीट्यूट पूजा समिति, बरमसिया नवयुवक संघ, सिरसिया पूजा समिति, अर्गाघाट पूजा समिति, पचम्बा स्थित दुर्गा स्थान, बोरो पूजा समिति, वन विभाग पूजा समिति के अलावा सीसीएल क्षेत्र के बनियाडीह स्थित दुर्गा मंडप व पपरवाटांड़ दुर्गा पूजा समिति समेत दो दर्जन से अधिक पूजा पंडालों में शनिवार को सप्तमी पूजा के साथ ही मां भगवती का आवाहन किया गया। इस दौरान विभिन्न पूजा पंडालों में अष्ट भुजाओं वाली मां का स्वरूप के दर्शन कर भक्त धन्य हो गये।