धनबाद : भारत में बैन मांगुर मछली से होनेवाली करोड़ों की कमाई में अब गैंगस्टर प्रिंस खान की भी इंट्री हो चुकी है. कहा जाता है कि मछली के अवैध कारोबार में एक दिन में लाखों नहीं, करोड़ों का खेल होता है। इसके कारण अक्सर इस खेल के सिंडिकेट के कई गुटों में वर्चस्व की लड़ाई होती रहती है, और एक दूसरे को जान मारने की धमकी या प्रतिबंधित मछली लोड गाड़ियों को अगवा करने का मामला सामने आता है. मछली तस्करी का खेल लंबे समय से चल रहा है. धनबाद जिला प्रशासन ने इसपर कभी गंभीरता नहीं दिखाई है. वैसे तस्करी का मुख्य मार्ग मैथन NH2 बॉर्डर पर जांच की व्यवस्था की गई है. इसके बावजूद सिंडिकेट के साथ पश्चिम बंगाल से झारखंड में मैथन ओपी रास्ते अन्य राज्यों में बैन मांगुर मछली भेजी जा रही है।
प्रिंस खान ने रोशन वर्णवाल को फोन पर दी थी धमकी
बता दें कि पिछले जुलाई माह में मछली व्यवसायी रोशन वर्णवाल को प्रिंस खान ने उसके फोन पर धमकी दी थी। मछली कारोबार से जुड़े व्यवसायी रैशन वर्णवाल इसकी सूचना चिरकुंडा पुलिस से की थी। जिसमें पैसों की मांग की गई थी. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी गई. तीन माह बाद भी मछली कारोबार से जुड़े व्यवसायियों को अपना निशाना बनाया जा रहा है पर पुलिस-प्रशासन ने अभी तक कोई पकड़-धकड़ नहीं की है. व्यवसायी के मोबाइल पर प्रिंस खान का शूटर मेजर के नाम से रंगदारी मांगी गयी है। इसके बाद पूरे चिरकुंडा पुलिस के लिए यह मामला सरदर्द बना हुआ है. चिरकुंडा से लेकर निरसा क्षेत्र के व्यवसायियों में डर का माहौल है. उधर, प्रतिबंधित मांगुर मछली की तस्करी बेरोकटोक जारी है.
फर्जी चालान देनेवाले सिंडिकेट के लोग करोड़पति बन गए
भारत में प्रतिबंधित जहरीली थाई मांगुर मछली की तस्करी मैथन ओपी क्षेत्र के चिरकुंडा बॉडर के रास्ते तस्करी के लिए मैथन क्षेत्र के NH2 समीप होटलों से फर्जी चालान देकर मांगुर मछली गाड़ी पश्चिम बंगाल से झारखंड में प्रवेश कर अन्य राज्यों में भेजा जाता है। फर्जी चालान देनेवाले सिंडिकेट के लोग करोड़पति बन गए हैं। झारखंड-बंगाल पुलिस की मिलीभगत से इस अवैध कोराबार पर अंकुश नहीं लगने से दोनों सरकारों ने अभी तक कोई जिला प्रशासन को कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया है. रिपोर्ट के अनुसार थाई मांगुर मछली वर्ष 2000 में भारत में बैन किया गया था। सबसे पहले केरल में वर्ष 1998 में बैन किया गया था। 80 फ़ीसदी लेड एवं आयरन के तत्व पाए जाते हैं। खाने से कैंसर लीवर की बीमारी और शुगर बीमारी हो जाती है। मछली चार महीने में 2.50 से 3 किलो की हो जाती है. दूषित पानी में थाई मांगुर मछली का तेजी से वजन बढ़ता है, इसलिए सिंडिकेट के लिए यह भरपूर मुनाफे का सौदा है.