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Thursday, September 19, 2024
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MLA डॉ. अहमद ने क्यों दिया इस्तीफा…? सत्तापक्ष ने एक रणनीति के तहत तो, कहीं गाण्डेय सीट खाली नहीं कराया…? विपक्ष में मची है खलबली

गिरिडीह, (कमलनयन) : झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेता व गाण्डेय विस क्षेत्र के विधायक डा. सरफराज अहमद ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसकी स्वीकृति की पुष्टि झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव ने एक जनवरी 2024 को किया है. डा. अहमद के इस्तीफे के बाद गाण्डेय सीट अब खाली हो गयी है या करायी गई है. सत्ता के गलियारे में अब इसपर चर्चा शुरू हो गई है. हालांकि ईडी के समन और राजभवन में बंद पड़े लिफाफे प्रकरण के समय भी गांडेय सीट के समीकरण को लेकर चर्चा हुई थी. लेकिन अब ये तय हो गया है कि जेएमएम ने एक रणनीति के तहत गांडेय सीट को खाली कराया है. इससे विपक्षी खेमे में खलबली मच गई है. इस बाबत जेएमएम और कांग्रेस पार्टी की ओर से इस मामले में किसी नेता का अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। सतारूढ दल के नेता कुछ भी बोलने से अभी खुद को बचा रहे हैं। स्वयं डा. अहमद ने भी गांडेय सीट खाली करने के मसले पर कुछ नहीं कहा है।

सीएम की पत्नी कल्पना के लिए तो गांडेय सीट नहीं छोड़ी गई…?

वैसे डॉ. अहमद के करीबी सूत्र इस्तीफे को पार्टी अलाकमान के निर्देश का संकेत दे रहे हैं। इस बीच सियासी अनुमानों से प्राप्त संकेतों के मुताबिक डा. अहमद के इस्तीफे के कई कारण हो सकते हैं. चर्चा है कि ईडी के लगातार बढ़ते दबाव और विपक्ष के हमले के मद्देनजर सीएम हेमंत सोरेन इस्तीफा देकर अपने उत्तराधिकारी के रूप में पत्नी कल्पना सोरेन को गांडेय सीट से चुनाव लड़ा सकते हैं. छह माह के भीतर होने वाले गाण्डेय से कल्पना सोरेन चुनाव लड़ सकती हैं। क्योंकि गाण्डेय सीट भले ही सामान्य है, पर जेएमएम से सालखन सोरेन तीन बार और डा. अहमद तीन बार यहां से विधायक बन चुके हैं. जानकारों के मुताबिक 60 हजार से अधिक मुस्लिम और 40 हजार से अधिक आदिवासी और इतने ही यादव वोटर गांडेय में हार-जीत में निर्णायक रोल निभाते रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जेएमएम इसी साल झारखंड में होनेवाले राज्यसभा चुनाव में डा. अहमद को एडजस्ट कर सकता है।

कोडरमा में इंडिया गठबंधन के मजबूत प्रत्याशी हो सकते हैं डॉ.अहमद

एक अन्य अनुमान के मुताबिक 2024 के आम चुनाव में अपने पुराने घर वापस लौटकर डॉ. अहमद इंडिया गठबंधन के बैनर तले कोडरमा से लोकसभा का चुनाव भी लड़ सकते हैं। इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। बीते सप्ताह उन्होंने दिल्ली का दौरा भी किया था. क्योंकि जेएमएम के पास गिरिडीह लोकसभा सीट के लिए तो कई दमदार नेता हैं, पर कोडरमा में ऐसा प्रतीत नहीं होता है। डा. अहमद कोडरमा में इंडिया गठबंधन के मजबूत प्रत्याशी हो सकते हैं. चर्चा यह भी है कि पिछले दिनों आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दो दिवसीय गिरिडीह दौरे के क्रम में डा. अहमद ने सीएम के समक्ष अपनी  कथित सरकारी उपेक्षा को लेकर नाराजगी जताई थी, लेकिन जहां तक हम जानते हैं, लोग जानते हैं कि डा. अहमद जैसे नेता इन छोटी-मोटी बातों को अधिक तवज्जो नहीं देते हैं. डा अहमद इस्तीफा जैसा बड़ा कदम उठानेवाले नेताओं में से तो कतई नहीं हैं। हो सकता है उनके समर्थकों में थोड़ी नाराजगी हो, लेकिन सियासत में हर राजनीतिक दल अपना नफा-नुकसान देखकर ही सियासी चालें चला करते हैं.

डॉ. अहमद के राजनीतिक कैरियर पर एक नजर

बता दें कि एकीकृत बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे डा. अहमद  2019 में कांग्रेस छोड़कर झामुमो में शामिल हो गये थे। 2019 में जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ा और तीसरी बार गाण्डेय के विधायक बने. इससे पहले 1984 में गिरिडीह लोकसभा से कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने थे। स्व. राजीव गांधी के समय 1985 में एआइसीसी के संयुक्त सचिव रहे. बैंक की नौकरी व्याग कर 1977 में कांग्रेस पार्टी के बैनर तले सक्रिय राजनीति की शुरुआत करने वाले डा. अहमद ने अपने संक्षिप्त बयान में साफ किया कि कोडरमा लोस सीट से चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है और सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे. बहरहाल, 2024 की पहली जनवरी को झारखंड की राजनीति को अपने जीवन के लगभग पांच दशक देनेवाले डा. अहमद जैसे कद्दावर नेता जब अचानक विधायक पद से इस्तीफा देते हैं तो, निकट भविष्य में राज्य की राजनीति में किसी बडे सियासी उलट फेर की चर्चा होना स्वाभाविक है.

डॉ. अहमद ने नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा-सीएम के हाथों को मज़बूत करने के लिए उठाया ये कदम

इधर, नए साल के मौके पर डॉ. अहमद ने झाऱखंड और अपने विधानसभा क्षेत्र के वोटरों को नव वर्ष की बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि आप सबों को और आपके परिवार को नए साल की ढेर सारी  शुभकामनाएं…! झामुमो ने हमेशा झारखंड के लोगों की सेवा की है और आगे भी करती रहेगी। मैं आज भी झामुमो का सिपाही हूं और आगे भी रहूंगा. बरसों से मैंने भी झारखंडवासियों की और आप सबकी सेवा की है. आपका समर्थन और विश्वास मुझे मिलता रहा है. मैं उसका आभारी हूं। मैं आप के विश्वास, समर्थन और प्यार का सौभाग्यशाली हूं। उन्होंने कहा कि आपसब यह ज़रूर सोच रहे होंगे कि मैंने यह कदम क्यों उठाया। मैंने यह कदम पार्टी की मज़बूती के लिए, सरकार की मज़बूती के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों को मज़बूत करने के लिए उठाया है. आने वाले दिनों में मेरे द्वारा उठाये गये कदम के बारे में आप सबको जानकारी मिल जाएगी. शुक्रिया…!!

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