रांची : ईडी के रडार पर चल रहे हेमंत सोरेन के पूर्व प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू चंपई सोरेन सरकार में भी अपनी चौधराहट कायम करने की कोशिश में है. खबर मिली है कि पिंटू ने चंपई सोरेन के नए प्रेस सलाहकार धर्मेंद्र गोस्वामी से कहा है कि…’हम जो तुम्हें कहेंगे, वही तुम्हें करना होगा’. इसके जवाब में धर्मेंद्र गोस्वामी ने पलट कर जवाब दिया कि ‘इसके बारे में सीएम से या पार्टी सुप्रीमो से बात करें और आईंदा हमसे बात करने या संपर्क करने की कोशिश न करें’. धर्मेंद्र गोस्वामी के इस जवाब के बाद पिंटू का क्या रुख था या आगे क्या हो सकता है, यह कहना अभी मुश्किल है.
हालांकि इस खबर की पुष्टि Jharkhand Weekly नहीं करता है. सूत्रों के हवाले से यह पता चला है. बताया गया कि पिंटू ने हर हाल में फिर से प्रेस सलाहकार बनने की अंतिम दम तक कोशिश की थी, पर अंतत: वे इसमें सफल नहीं हो सके. खबर यह भी है कि पिंटू से यह कहा गया है कि जबतक ईडी से उन्हें पूर्णत: छुटकारा नहीं मिल जाए, तबतक वे सीएमओ से दूर रहें. हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है, यह अभी कहना मुश्किल है.
Jharkhand Weekly ने चंंपई सोरेन को पिंटू से परहेज करने की सलाह दी थी
बता दें कि 3 फरवरी को चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद पिंटू को फिर से प्रेस सलाहकार बनने की चर्चा के बीच Jharkhand Weekly ने ‘अभिषेक पिंटू सबकी आंखों की किरकिरी था तो, फिर हेमंत सोरेन की आंखों का तारा कैसे बना…?, शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने के तीन दिन बाद ही चंपई सोरेन ने अपना प्रेस सलाहकार पिंटू को बनाने से परहेज किया था. खनन और जमीन घोटाले में पिंटू की संलिप्तता उजागर हो चुकी है. ईडी उनसे कई बार पूछताछ कर चुकी है. इसलिए उनकी कभी भी गिरफ्तारी संभव है. इसलिए नए सीएम चंपई सोरेन को उनसे परहेज करना चाहिए. पिंटू की कारस्तानियों के कारण ही हेमंत सोरेन जैसे शालीन व्यक्तित्व का दामन दागदार हो चुका है. हेमंत सोरेन के चार साल के कार्यकाल में पिंटू की कार्यशैली से सरकार में शामिल मंत्रियों और झामुमो-कांग्रेस के विधायकों-कार्यकर्ताओं को सीएम से मिलने के लिए उनकी चिरौरी करनी पड़ती थी. कहा गया कि मंत्री रहते चंपई सोरेन को भी हेमंत सोरेन से मिलने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी.
यही कारण था कि लोग पिंटू को नहीं सुहाते थे. इसके अलावा ट्रांसफर-पोस्टिंग में पिंटू के जबर्दस्त दखल से अफसरों में भी गहरी नाराजगी थी. कहा जाता है कि हेमंत सोरेन को बगैर बताए पिंटू अपनी कारगुजारियों को अंजाम देने से भी गुरेज नहीं करता था, पर इसकी शिकायत हेमंत सोरेन तक नहीं पहुंचती थी या फिर पिंटू के खौफ से कोई हिम्मत नहीं जुटा पाता था.
विनोद-भानु बन सकते हैं सरकारी गवाह
हालांकि ईडी की पूछताछ में जमीन या खनन घोटाले में नाम सामने आने के बावजूद ईडी ने अभी तक पिंटू पर शिकंजा नहीं कसा है. इसको लेकर भी कई तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है. कई बार यह कहा-सुना गया है कि पिंटू को अगर गिरफ्तार किया गया तो वह सरकारी गवाह भी बन सकता है.
इसलिए उसे अभी स्टैंड बाय में रखा गया है. वैसे खबर है कि पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के करीबी माने जानेवाले आर्किटेक्ट विनोद सिंह और बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद सरकारी गवाह बन सकते हैं. जमीन घोटाला मामले में दोनों से ही ईडी को छानबीन में अच्छा सहयोग मिला है. बताया जा रहा है कि दोनों से मिले इनपुट के आधार पर ईडी जांच में कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं,
जो केस को मजबूती दे सकते हैं. इधर, गुरुवार को विनोद सिंह से ईडी ने पूछताछ शुरू कर दी है. उन्हें समन भेजकर 15 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है. ईडी ने तीन जनवरी और 13 फरवरी को विनोद सिंह के कई ठिकाने पर छापेमारी की थी. इस दौरान ईडी को विनोद सिंह और हेमंत सोरेन के बीच हुए वॉट्सएप चैट का पूरा ब्योरा मिल चुका है.