गुमला – गुमला पीएचईडी स्वच्छ पेयजल आपूर्ति विभाग की अकर्मण्यता और कार्य शिथिलता के कारण और विभागों के सौजन्य से समस्त गुमला की आम नागरिक दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं। इस संबंध में गुमला के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने जिला मुख्यालय के आम नागरिकों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति करने के उद्देश्य से पीएचइडी , स्वच्छ पेयजल जलापूर्ति विभाग गुमला और नगर परिषद ( नगर पालिका ) विभाग गुमला के साथ संयुक्त आवश्यक बैठक की। परन्तु कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया।
शुद्ध पेयजल आपूर्ति करने की मांग को लेकर गुमला नगर के नर नारियों द्वारा पटेल चौक में सड़क जामकर करते हुए अपनी विरोध प्रदर्शित किया गया। फ़िर भी विभाग को कोई फर्क नहीं पड़ा। एक प्रजाति है जिसका पूंछ हमेशा टेड़ा रहा है यदि उसका पूंछ सीधा हो गया तो उक्त प्रजाति पागल हो जायेगा। ठीक वैसा ही , उक्त विभाग की छवि बनती जा रही हैं। पूरे जिला मुख्यालय के विभिन्न वार्डों के विभिन्न क्षेत्रों के अधिकांश पेयजल आपूर्ति पाइपों को दशकों से नहीं बदले जाने के फलस्वरूप जगह जगह के पाइप फटकर पानी का रिसाव और पानी का फूहारा के रूप प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बरबादी हो रही हैं। फिर भी कोई नहीं है देखन हारा ??
जिला मुख्यालय स्थित डीएसपी रोड़ गुमला की प्रसिद्ध देवी मंदिर के समक्ष पेयजल आपूर्ति पाइप फटने के कारण पेयजल आपूर्ति पाइप में नाली का गन्दा पानी और दुषित पानी, पेयजल आपूर्ति पाइप में घुस रहा है। पेयजल आपूर्ति पाइप का गन्दा पानी , माता रानी के प्रसिद्ध, देवी मंदिर परिसर में पेयजल के रूप में सप्लाई किया जा रहा है। फलस्वरूप कुछ भक्तगण क्षुब्ध होकर मंदिर परिसर का नल खोलकर गन्दे और दुषित पेयजल – पानी को बेकार में बहाने को मजबुर हो गयें है। क्योंकि नाली का दुषित और गन्दा आपूर्ति पानी का उपयोग किसी भक्त द्वारा माता रानी के मंदिर के अंदर उपयोग नहीं किया जा सके। इसकी चिन्ता ना ही पीएचईडी स्वच्छ पेयजल विभाग गुमला को हैं और ना ही पेयजल आपूर्ति का टैक्स लेने वाले नगर परिषद ( नगर पालिका ) विभाग को हैं।
नगर परिषद विभाग गुमला को मतलब हैं तो मात्र और मात्र टैक्स से। इसी पाइप लाइन से पूरे डीएसपी रोड़, जवाहर नगर , सरना टोली आदि अन्य अनेक क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति की जा रही है। फलस्वरुप उक्त क्षेत्र के आम नागरिक पेट से संबंधित रोगों एवं पीलिया रोग से पीड़ित हो रहें हैं। पेयजल आपूर्ति पानी समय समय पर अत्यधिक गंदा और दूषित आने पर उक्त क्षेत्रों के नागरिकों द्वारा गंदा- दुषित पानी को , या तो घर के नली में बहा दिया जाता है या फिर कपड़ा एवं अन्य साफ सफाई का कार्य किया जाता है। अब देखना हैं की पीएचईडी – स्वच्छ पेयजल आपूर्ति विभाग गुमला और नगर परिषद ( नगर पालिका ) विभाग गुमला की कुंभकर्णी नींद कब टूटती है ?????
News – गनपत लाल चौरसिया