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Thursday, September 19, 2024
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प्रसिद्धअंजन धाम में ऐतिहासिक रामनवमी मेला प्रारंभ , केसरिया ध्वज लहराया चहुंओर , जय श्री राम के गगन भेदी नारों से गुंजायमान हो उठा हैं , अंजन धाम ,

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र भगवान की जन्मस्थली अयोध्या ( उत्तर प्रदेश )और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र भगवान के, अनंत भक्ति श्री वीर हनुमान (श्री बजरंग बली ) की जन्मस्थली अंजन धाम , गुमला (झारखण्ड ) का अद्भुत और गहरा नाता रिश्ता हैं।

धन्य है – सनातनी हिन्दू धर्मलंम्बी अयोध्यावासी और झारखंडवासी

गुमला –  श्री रामनवमी त्यौहार पर विशेष  मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम भक्त श्री वीर हनुमान ( श्री बजरंग बली ) के जन्मस्थली प्रसिद्ध तीर्थ स्थल अंजन धाम, में लगता है ऐतिहासिक विशाल भव्य मेला , इस मेले में विशेष कर झारखण्ड , मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ , उड़ीसा सहित पूरे भारत वर्ष से आते हैं , सनातनी हिन्दू धर्मावलंबी भक्ति और पर्यटक , प्रसिद्ध अंजनी धाम में सभी की होती है मनोकामनाएं पूर्ण  बाल रुप में माता अंजनी की गोद में बैठे हुए हैं श्री वीर हनुमान ( बजरंगबली )  यह भारत देश का एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां माताश्री अंजनी की गोद में बालरुप में विराजमान हैं, श्री वीर हनुमान, मान्यता है की श्री वीर हनुमान (बजरंगी )जी का यही जन्म हुआ है, इसलिए यह के समस्त लोग अपने आपको श्री वीर हनुमान का वंशज मानते हैं और अपने आप में खुब इतराते हैं, गुमला जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर स्थित है आंजन धाम और आंजन धाम से मात्र तीन किलोमीटर स्थित प्राकृतिक छटाओं से उत्पन्न मनोरम दृश्य वाले जंगलों के बीचों बीच , पहाड़ की ऊंचाई पर स्थित है , माताश्री अंजनी की गुफा, जहां माता अंजनी ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के , अनन्त भक्ति , श्री वीर हनुमान को जन्म दिया हैं , उक्त अंजनी गुफा आज भी विद्यमान है, इस बीच समय-समय पर सनातनी हिन्दू धर्मलंम्बियों द्वारा बहुत सारे बदलाव भी किए जा रहे हैं,

उक्त आंजन गुफा , अंजन धाम तक पहूचने के लिए सुन्दर सड़क और भव्य प्रवेश तरुण द्वार , भव्य मंदिर का निर्माण और ऊपर पहाड़ में स्थित माता अंजनी गुफा तक पहुंचने के लिए सुन्दर टाइल्स लगे हुए सीढ़ियों का निर्माण भी किया गया है,खुले आसमान और प्राकृतिक कायनात के नीचे हरियालियों के बीच पहाड़ की ऊंचाई पर स्थित आंजन धाम मंदिर में , माताश्री अंजनी की गोद में बालरूप में विराजमान श्री वीर हनुमान (बजरंग बली) का अद्भुत रूप मनकों मोहित करती हैं और परम आनंद देता है , वहीं पहाड़ के ऊपर स्थित मंदिर का अद्भुत विहंगम दृश्य देखकर मन प्रफुल्लित हो उठता हैं , उपर पहाड़ में चढ़ने वाले सीढियों के समक्ष एक विशाल घंटा लगाया गया हैं, जिसकी आवाज पूरे अंजन धाम के वादियों में गूंजती रहती है , प्रतिध्वनियां , अपने भारत देश के स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर से काम नहीं है , अपने झारखंड राज्य का स्वर्ग कहे जाने वाले * प्रसिद्ध अंजन धाम * जिसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम होगी , क्योंकि यहां की इन वादियों का मनोरम , मनमोहक दृश्य देखकर कोई भी व्यक्ति इन वादियों की तारीफ करने को मजबूर हो जाएगा, अगर यकीन नहीं तो, आप स्वयं आकर देख लो , मान्यता है की श्री केशरी जी की धर्मपत्नी माताश्री अंजनी ने अपने अंजन धाम गुफा में श्री केसरी जी के साथ रहते हुए, अपने मनवांछित पुत्र ( श्री श्री 108 श्री देवो के देव महादेव के , रुद्र अवतार के रूप में श्री वीर हनुमान को अपने कोख से जन्म देने से पूर्व ) अपने अराध्य श्री श्री 108 श्री देवों के देव महादेव , की भक्ति भाव में डुबी, माताश्री अंजनी ने अपने , अंजन धाम मे स्थित 365 शिवलिंग पर , 365 तालाबों का पानी , और 365 महुआ पेड़ के फूल से ,अपने आराध्य देवों के देव महादेव के शिवलिंग पर 365 दिन बरसों बरस जलाभिषेक करती रही , फलस्वरूप देवों के देव महादेव को प्रसन्न कर आशीर्वाद प्राप्त करते हुए , माताश्री अंजनी ने श्री वीर हनुमान – श्री बजरंगबली को जन्म दिया, जो साक्षात देवों के देव महादेव के , रुद्र अवतार के रूप में जन्म लिये और श्रीराम भक्त श्री वीर हनुमान जी को माताश्री अंजनी ने अपने पुत्र के रूप में श्री वीर हनुमान को प्राप्त किया और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के भक्त के रूप में , अजर अमर हैं श्री वीर हनुमान जिन्हें हम समस्त सनातनी हिन्दू धर्मलंम्बियों ने अपने आराध्य श्री वीर हनुमान के रूप में स्वीकार , करते हुए उनके आगे सर झुकाकर उनका पूजा अर्चना करते और उनके जन्मस्थली और पावन धरती पर पहुंचकर अपने आप को धन्य मानते – समझते और महसूस करते हैं , अंजन धाम के बालाजी सरकार , श्री वीर बजरंगबली के जन्मस्थली के पवन भूमि में रामनवमी मेला का इतिहास काफी पुराना हैं , लेकिन अब बदलते परिवेश में उक्त मेला के भी स्वरूप में परिवर्तन आया हैं, * दूर दराज के भक्तों और पर्यटकों का जुटान * वर्ष प्रतिपदा के दिन से ही अंजन धाम में सनातनी हिन्दू धर्मलंम्बियों द्वारा विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान मंत्रोच्चारण का शंखनाद प्रारंभ हो जाता हैं, प्रत्येक वर्ष श्री रामनवमी त्योहार पर भव्य आकर्षक रामनवमी का त्यौहार बहुत ही गर्व और धूमधाम से , रामनवमी महोत्सव विशेष कर सनातनी हिन्दू धर्मलंम्बी , भक्तो , श्रद्धालुओं द्वारा मनाया जाता हैं और अंजन धाम में लगातार गूंजते रहते हैं ,गगन भेदी नारा – जय श्री राम – श्री राम + लखन + जानकी + जय बोलो हनुमान की आदि नारों से पूरा आंजन धाम गंजे मन होता रहता है । श्री अंजन धाम अपने आप में विभिन्न रहस्यों को समेटे हुए , यहां विभिन्न आकार प्रकार के गुफाएं और कंधराएं हैं, जहां एक विशालकाय अद्भुत आकर्षक सांप का बसेरा भी हैं जिनका दर्शन और आशीर्वाद प्राप्ति करना दुर्लभ है । एक बार अवश्य पधारे अपने आराध्या श्री वीर हनुमान के जन्मस्थली अंजन धाम आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे , जब यहां आएंगे और यहां की अद्भुत प्राकृतिक छटाएं विद्यमान हैं मनोरम दृश्य देखकर और प्राकृतिक का अनमोल खजाना जखीरा देखकर खो जायेंगे, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र भगवान की जन्मस्थली अयोध्या उत्तर प्रदेश और श्री वीर हनुमान श्री बजरंग बली के जन्मस्थली गुमला झारखण्ड का एक बहुत ही गहरा नाता है , जिसे मात्रा और मात्र सनातनी हिन्दू धर्मावलंबी ही समझ सकते हैं और महसूस कर सकते हैं । जय श्री राम , जिला मुख्यालय गुमला से टोटो ग्राम होते हुए, प्रसिद्ध आंजन धाम मंदिर तक पहुंचा जा सकता हैं।

News – गनपत लाल चौरसिया

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