गुमला – : इच्छा के विरुद्ध और चाकू का भय दिखाकर, नाबालिक लड़की के साथ जबरदस्ती बलात्कार करना और फिर झूठा प्रेम जाल और शादी का प्रलोभन देकर लगातार शारीरिक संबंध बनाने वाले धोखेबाज प्रेमी ने दूसरी लड़की से शादी रचाने जा रहा था , इसी क्रम में पीड़िता ने अपनी शादी के लिए जब दबाव बनाया तो , उक्त तथाकथित प्रेमी विश्राम उरांव ने , शादी से साफ इनकार कर दिया , तब पीड़िता ने महिला थाना गुमला में और पुलिस अधीक्षक गुमला को लिखित आवेदन देने के बावजूद जब कोई ठोस कार्रवाई और परिणाम नहीं मिला तो , नाबालिक पीड़िता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और 8 वर्ष बाद पीड़िता को मिली न्याय ।
, गुमला व्यवहार न्यायालय के एडीजे वन ( प्रथम ) दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत ने एक बलात्कार के आरोपी को आठ साल बाद एडीजे की अदालत ने बलात्कार के अभियुक्त विश्राम उरांव को 10 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा और 50 हजार रुपया का जुर्माना की सजा सुनाई गई हैं ,
गुमला – गुमला व्यवहार न्यायालय के एडीजे वन दुर्गेश चन्द्र अवस्थी की अदालत ने बलात्कार के अभियुक्त विश्राम उरांव को दोनों पक्षों के वकीलों की दलील, गवाहों के बयान और अदालत में प्रस्तुत साक्ष्यों को देखते हुए अभियुक्त विश्राम उरांव को अदालत ने दोषी करार देते हुए 10 वर्षों का कठोर सश्रम कारावास और ₹50 , 000 हजार रुपया जुर्माना की सजा सुनाई हैं , अभियुक्त विश्राम उरांव द्वारा अर्थ दंड नहीं देने पर उक्त अभियुक्त को एक वर्ष की अतिरिक्त सश्रम कारावास की कठोर सजा भी भुगतनी होगी।
बताया जाता है कि घटना 2016 की है , नाबालिक लड़की अपने घर में अकेले खाना बना रही थी , इसी क्रम में अभियुक्त विश्राम उरांव उक्त नाबालिक लडकी के घर पर पहुंचा और हाल-चाल पूछने के बाद उसके माता-पिता के बारे में पूछताछ की और सभी जानकारी लेने के बाद मात्र 15 वर्ष की नाबालिक लड़की को घर में अकेला पाकर और नाजायज फायदा उठाते हुए विश्राम उरांव ने उक्त नाबालिक लड़की को जमीन में उठाकर पटक दिया और चाकू का भय दिखाकर उसके साथ , उसकी इच्छा के विरुद्ध जबरदस्ती बलात्कार किया, और बाद में उक्त घटना की जानकारी किसी को भी नहीं देने की धमकी देते हुए, और झुठा प्रेमालाप और झूठा शादी करने का आश्वासन देकर चला गया , और विश्राम उरांव को जब भी मौका मिलता वह नाबालिग पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा, और पीड़िता अपनी लोक लाज के कारण उक्त घटना की जानकारी किसी को नहीं दी, 11 अप्रैल 2016 के पूर्व पीड़िता को पता चला की वह दूसरी लड़की के साथ शादी करने वाला हैं, तब पीड़िता ने अपनी शादी के लिए दबाव बनायी तो , उक्त अभियुक्त ने पीड़िता के साथ शादी करने से साफ इन्कार कर दिया , तब पीड़िता ने 11 अप्रैल 2016 को गुमला महिला थाना में , पीड़िता ने अपनी आप बीती , बातों को लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई, उक्त आवेदन मिलते ही गुमला महिला थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुयें अभियुक्त विश्राम उरांव को कई बार नोटिस जारी की गई , परंतु वह महिला थाना में उपस्थित नहीं हुआ और ना ही कोई जवाब दिया , तब महिला थाना द्वारा न्यायालय में केस करने की बात कही गई , इसी क्रम में 26 में 2016 को पुलिस अधीक्षक गुमला को भी लिखित आवेदन दिया गया परंतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई , तब पीड़िता द्वारा न्यायिक दंडाधिकारी गुमला के न्यायालय में एक परिवाद पत्र दाखिल किया गया और न्यायालय के आदेशानुसार ही , उक्त प्राथमिकी गुमला थाना में दर्ज की गई , और न्यायिक प्रक्रिया में लगभग 8 वर्ष के बाद अभियुक्त विश्राम उरांव को 10 वर्ष का कठोर सश्रम कारावास की सजा और₹50, 000 ( पचास) हजार रुपया का अर्थ दंड की सजा सुनाई गई हैं , और अभियुक्त विश्राम उरांव के द्वारा अर्थ दंड नहीं देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर करवा की सजा उक्त अभियुक्त को भुगतना होगा , नोट – : जानबूझकर नाम पता छुपाई गई है ।
न्यूज़ – गनपत लाल चौरसिया