झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद
रांची
✦ अभियंताओं को ‘Quality of Material’ के साथ साथ ‘Quality of Work’ पर भी ध्यान देने का निर्देश
✦ 30 जून तक हर हाल में स्कूल भवन निर्माण व मरम्मति से जुड़े कार्यो को पूरा करने का निर्देश
✦ कार्यो में लापरवाही बरतने वाले अभियंता होंगे ब्लैकलिस्ट, दर्ज होगा केस
स्कूल भवन निर्माण व मरम्मति में लगे अभियंताओं को 30 जून तक हर हाल में काम पूरा करना होगा। काम करने के दौरान quality of material के साथ साथ quality of work पर भी ध्यान देना आवश्यक है। कार्यो में लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं के विरुद्ध केस दर्ज किया जाएगा। इतना ही नहीं ऐसे अभियंताओं को काली सूची में डाला जाएगा। उक्त निर्देश राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक श्री आदित्य रंजन ने आज स्कूल भवन निर्माण से संबंधित अभियंताओं की समीक्षा बैठक में कही। श्री आदित्य रंजन आज राज्य शिक्षा परियोजना मुख्यालय में राज्य के सभी जिलों से आये कनीय व सहायक अभियंताओं के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे।
श्री आदित्य रंजन ने कहा कि स्कूल भवन की मरम्मति व निर्माण के बाद बचे हुए निर्माण सामग्रियों/डेब्रिस को तत्काल स्कूल परिसर से हटा दे। सुनिश्चित करे कि कहीं भी भवन निर्माण में कोई चूक ना रह जाए। उन्होंने मानसून से पहले 99% कार्यो को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया। श्री आदित्य रंजन ने कहा कि स्कूल के प्राचार्यो की निगरानी में कार्य करे, जिससे जरूरतों का आंकलन कर उसका निर्माण ससमय पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्कूल के दरवाजो और खिड़कियों की मरम्मति के दौरान यह सुनिश्चित करे कि कहीं कोई शार्प एज तो नहीं रह गया है।
श्री आदित्य रंजन ने कहा कि जहां जहां भी CWSN शौचालय का कार्य शेष रह गया है, वहां शौचालय निर्माण का कार्य रिसोर्स सेंटर के बगल में शिफ्ट करे। साथ ही स्कूल में जहां प्रार्थना सभा होती है वहां अनिवार्य रूप से चबूतरे या रैंप का निर्माण करे।
मानसून से पहले खत्म करे काम
श्री आदित्य रंजन ने कहा कि मानसून से पहले हर हाल में स्कूल की मरम्मति का कार्य पूरा कर ले। स्कूल की ढलाई करते समय वाटर प्रूफिंग प्लास्टर का इस्तेमाल करे। समय रहते भवन में कोटिंग का काम पूरा कर ले। स्कूल की छत तक जाने के लिए वैकल्पिक रास्ता बना ले, ताकि छत की समय समय पर सफाई की जा सके। ड्रैनेज से संबंधित सभी मामले जैसे शौचालय, चापाकल, हैंडवाश यूनिट, एमडीएम एरिया, आदि को विद्यालय की आवश्यकतानुसार जल निकासी की पूरी प्लानिंग के साथ साथ सोकपिट का निर्माण सुनिश्चित करे। उन्होंने अभियंताओं को कहा कि छतो से जल निकासी की ऐसी व्यवस्था करे जिससे भविष्य में सीपेज की समस्या उत्पन्न ना हो।
सीपेज/क्रैक की समस्या को एक हफ्ते में ठीक करे
अभियंताओं को निर्देशित किया गया है कि स्कूल में जितने भी कमरों का निर्माण व मरम्मत किया गया है उनमे यदि किसी प्रकार की सीपेज या क्रैक की समस्या है तो एक हफ्ते में उसे ठीक करे। साथ ही विद्यालय भवन में यदि शौचालय या पानी का कोई कार्य हुआ है, तो उनमे यदि कोई पैन यूनिट, नल, यूरिनल यूनिट, वाश बेसिन अगर क्रियाशील नहीं है तो उसे दो दिनों में ठीक करे।