गुमला – गुमला जिला के समस्त नगर , शहर , कस्बा और गांव के जल स्रोत सूख चुके हैं , पानी का अस्तर भी काफी नीचे चला गया है , फलस्वरुप आम नागरिक बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं वहीं दूसरी तरफ जिला स्वच्छता पेयजल आपूर्ति विभाग ( पीएचईडी विभाग ) गुमला की आक्रमान्यता एवं शिथिलता के कारण पर्याप्त जल आपूर्ति नहीं की जा रही है , वहीं शहर में जगह-जगह प्रतिदिन संबंधित विभाग की आक्रमान्यता और कार्य शिथिलता के कारण , सैकड़ों लीटर पेयजल की बर्बादी हो रही हैं और उक्त पेयजल नाली में बह रहे हैं, जिम्मेदार कौन ,,,?? जगह-जगह पर पेयजल आपूर्ति पाइप फटने और लीकेज होने से उक्त पेयजल शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जगह जगह पर बहकर आने जाने वाले व्यस्त मार्गों में उक्त जल जमाव होने के कारण आमनागरिकों को आवागमन में बन रही हैं , जबरदस्त परेशानी का कारण , विभागीय आक्रमान्यता एवं कार्य शिथिलता के कारण जिला मुख्यालय के विभिन्न क्षेत्रों में जगह जगह ज़मीन के अंदर पाईप फटने और लीकेज होने के कारण सैकड़ों लीटर पानी की प्रतिदिन हों रही हैं बर्बाद दोषी कौन,,,?? इस संबंध में आम नागरिकों द्वारा लिखित और मौखिक सूचना देने के बावजूद भी , संबंधित विभाग को कोई फर्क नहीं पड़ता है , क्योंकि यह संघर्ष बरसों से जारी है , फिर भी उक्त संबंधित, पीएचइडी विभाग द्वारा अबतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है , फलस्वरुप नगर के मेन रोड, मधुबाला गली , महावीर चौक आदि स्थानों पर पेयजल की बर्बादी हो रही है , और उक्त प्रचंड गर्मी में भी आम लोगों के घरों में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति नहीं होने के कारण , पानी के लिए हो रही है मारामारी , पेयजल की विभिन्न समस्याओं को लेकर एक बार नहीं बल्कि कई बार उग्र प्रदर्शन भी किये जा चुके हैं , फिर भी उक्त विभाग कुंभकर्णी निंद्रा में सो रही है, लोकसभा चुनाव 2024 के मध्य नजर राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोरियाडीह घाघरा में लगे सोलर जल मीनार का स्टार्टर अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर ली गई है , इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा घाघरा थाना में लिखित आवेदन देते हुए बताया गया है , कि उक्त विद्यालय में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पानी की सुविधा हेतु विगत 19 अप्रैल 2024 को उक्त जल मीनार की स्थापना की गई थी , वही 27 अप्रैल 2024 दिन शनिवार को उक्त विद्यालय अवधि तक , तो सब कुछ ठीक-ठाक और सही सलामत था , परन्तु गत सोमवार को विद्यालय खोलने और उक्त जल मीनार को देखने पर पता चला की उक्त सोलर जलमीनार का स्टार्टर गायब है और अज्ञात चोरों द्वारा उक्त सोलर जल मीनार का स्टार्टर चोरी कर ली गई है, जिसकी सूचना लिखित रूप से घाघरा थाना पुलिस को दी गई है
-: छोटा नागपुरी + झारखंडी + फ्रिज, गगरी + घड़ा का अलग ही आन बान शान और सम्मान और महत्व है :-
,छोटानागपुर + झारखण्ड में प्रचंड गर्मी के दिनों में भी , जब कभी भी आपको अपना गला सूखजायें और उक्त गले को त्तर करने का मन हो जायें, तो अपने पास छोटानागपुरी + झारखण्डी फ्रिज – घड़ा – गगरी और सुराही है , ना, नगर हो , शहर हो , या कस्बा , मोहल्ला हो , या अपना घर , सभी जगहों में , गर्मी के मौसम में अधिकांश जगहों पर प्याओ और शुद्ध पेयजल पिलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही हैं , जो आज भी बा बदस्तूर जारी हैं , घड़ा + गगरी में पानी भरकर उसे कूल-कूल करने के उद्देश्य से उक्त घड़ा – गगरी के चारों तरफ , बालू से ढंककर , बोरे के चाट और कपड़े के ढंककर रखें जातें हैं , और उक्त ढक्कन उठाकर , ग्लास से या स्टील का छड़ लगा हुआ , फूचिया ( पानी निकालने वाले ) से पानी निकाल कर लोगों को दी जाती थी, फलस्वरूप आपके हांथ बार-बार और उक्त शुद्ध पेयजल + पानी के संपर्क में आही जाते थे , पर अब उसका भी समाधान निकाल लिया गया हैं , अब उक्त घड़ा – गगरी बनाते वक्त , उक्त घड़ा और गगरी में प्लास्टिक का नल लगा दिया गया है , जिसे घूमाकर आप स्वयं उक्त ठंडा ठंडा – कूल कूल – शुद्ध पेयजल से अपने प्यास बुझाने और अपने आत्मा को संतुष्ट करने का परम सुख और आनन्द प्राप्त कर सकते हैं , और अपनी सुखे गला को तर कर सकते हैं, पहले देहात गांव में ऐसी घटनाएं भी हुई है, की घड़ा – गगरी का ढक्कन हटाकर सांप बिच्छू आदि खतरनाक जीव जंतु घुस जाते थे , पर अब ऐसा नहीं हैं , अब लोग अपने घड़ा – गगरी के मुंह को, ढक्कन से ढांककर और बंधकर , उक्त पेयजल को काफी सुरक्षित और शुद्ध पेयजल के रूप में रख सकते हैं , जो काफी आकर्षक भी दिखाई देता है , जब भी पेयजल की जरूरत हो , नल घूमाये और जल पायें
News – गनपत लाल चौरसिया