विभावि के स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया गया। इसमे छात्र शोधार्थी, द्वितीय सत्र के विद्यार्थियों के द्वारा आयोजन किया। मुख्य अतिथि के रूप में भूतपूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. ए. एन भण्डारी थे। वर्तमान सहायक प्राध्यापक यमिनी सहाय एवं सहायक प्राध्यापक विजय कुजूर उपस्थित थे। डॉ ए. एन. भण्डारी ने अपने वक्तव्य में कहा डिजटलीकरण के दौर मे पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने के लिए औफ लाइन क्लास का होना जरूरी है।
गुगल उन सभी ज्ञान को पूर्ण नहीं कर सकता। विभागाअध्यक्ष डा. अमित कुमार सिंह ने कहा कि गुरू शिष्य की परंपरा पुरातन समय से चला आ रहा है। इसमें जो आत्मीयता मिलती है वह किसी अन्य क्षेत्र मे नही है। डॉ राधाकृष्णन के दर्शन के विचार आने वाले सदियो तक रास्ता दिखाते रहेंगे। डॉ यामिनी सहाय ने कहा कि शिक्षक छात्र के कभी कभी कर्जदार हो जाते जब छात्र उच्च शिखर पर पहुंच जाते है।
प्रो विजय कुजूर ने कहा डॉ राधाकृष्णन के विचार समाज के लिए ऐसे हैं जिसे जीवन के गम्भीर अवस्था मे भी आत्म मंथन करने से उच्च शिखर पर पहुचा जा सकता है। कार्यक्रम में पूर्व विद्यार्थियों एवं शोधार्थी उपस्थित थे।मंच संचालन दितीय सेमेस्टर के छात्र हिमांशु ने किया।
News – Vijay Chuadhary.