समाजसेवी और शांति समिति के सदस्य, साथ ही झारखंड आंदोलनकारी फहिम उद्दीन अहमद उर्फ संजर मलिक ने बरही के कोनरा गांव के निवासी 56 वर्षीय मुजाहिद हुसैन अंसारी, जो पेशे से दर्जी थे और गांव में ही सिलाई का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे, की मदद के लिए पहल की। मुजाहिद की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय थी। कल अचानक उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई। परिजनों ने उन्हें तुरंत हजारीबाग मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें हार्ट अटैक होने की जानकारी दी और रिम्स रेफर कर दिया।
हालांकि, कुछ लोगों ने परिजनों को सलाह दी कि उन्हें हजारीबाग स्थित आरोग्यम अस्पताल में भर्ती कराया जाए। परिवार ने इस सलाह को मानते हुए उन्हें वहीं भर्ती करवा दिया, जहां डॉक्टरों ने बाईपास सर्जरी, बलूनिंग और स्टेंट डालने जैसी प्रक्रियाएं करने की आवश्यकता बताई। आर्थिक संकट में फंसे परिजनों ने स्थानीय लोगों से सलाह-मशविरा कर धन एकत्रित किया और रात में मुजाहिद की सर्जरी की गई। सर्जरी के दौरान उनके दिल के वाल्व की सिकुड़न को ठीक किया गया।
दुर्भाग्य से, सुबह होते ही मुजाहिद की धड़कन अचानक बढ़ गई, और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस खबर से परिजन दुख में डूब गए और अस्पताल में हंगामा करने लगे। देखते ही देखते कई रिश्तेदार भी वहां पहुंच गए।
इस बीच, परिवार के किसी सदस्य ने राजद नेता संजर मलिक को इस घटना की सूचना दी। संजर मलिक ने तत्काल अस्पताल प्रबंधक से मिलकर स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने प्रबंधक से विनती की कि मुजाहिद के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और वे किसी प्रकार का आरोप नहीं लगा रहे हैं। यह घटना अल्लाह की मर्जी थी और परिवार इसका धैर्यपूर्वक सामना कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अचानक कमाने वाला व्यक्ति चले जाने पर परिवार के सदस्यों का रोना-धोना स्वाभाविक है।
संजर मलिक की मध्यस्थता से अस्पताल प्रबंधक ने उदारता दिखाते हुए केवल मशीनरी के खर्च की राशि ली, जबकि अन्य शुल्क माफ कर दिए। इसके बाद, संजर मलिक ने पूरी स्थिति की तसल्ली करवाई और अस्पताल प्रबंधक से वार्ता के बाद परिजनों को एम्बुलेंस के माध्यम से शव को विदा करने की व्यवस्था करवाई। इस मदद के लिए परिजनों ने संजर मलिक और अस्पताल प्रशासन का धन्यवाद किया और ईश्वर से गरीबों की मदद करने के लिए दुआएं मांगी।
News – Vijay Chaudhary.
Edited by – Sanjana Kumari.