गुमला (झारखंड): गुमला जिले के असनी गांव में गुरुवार को 60 वर्षीय वृद्ध लांडी उरांव ने अपने घर में आत्महत्या का प्रयास किया। दोपहर के समय लांडी उरांव ने रस्सी का फंदा बनाकर अपने घर में फांसी लगाने की कोशिश की। परिजनों ने उन्हें तुरंत सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत देखते हुए उन्हें रांची रिम्स रेफर कर दिया। हालांकि, परिजनों ने रांची नहीं ले जाने का फैसला किया और वृद्ध का इलाज गुमला सदर अस्पताल में जारी रखा।
आत्महत्या का प्रयास: जान बचाने की लड़ाई
लांडी उरांव अपने पोते के साथ घर पर थे, जब यह दुखद घटना घटी। घर के बाकी सदस्य खेतों में काम कर रहे थे। वृद्ध ने अकेलेपन का फायदा उठाते हुए फंदा बनाकर आत्महत्या का प्रयास किया। सौभाग्य से, उनका पोता समय रहते उनकी स्थिति को देख सका और तुरंत पड़ोसियों को सूचित किया। पड़ोसियों ने फौरन पहुंचकर वृद्ध को फंदे से नीचे उतारा और उन्हें अस्पताल पहुंचाने में मदद की।
डॉक्टरों ने वृद्ध की स्थिति को गंभीर बताया और बेहतर इलाज के लिए उन्हें रांची के रिम्स अस्पताल भेजने का निर्णय लिया। हालांकि, परिजनों ने उन्हें रांची न ले जाकर गुमला सदर अस्पताल में ही इलाज कराने का फैसला किया।
आत्महत्या के कारण अज्ञात
वृद्ध ने आत्महत्या का प्रयास क्यों किया, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। परिजन भी इस घटना को लेकर अनभिज्ञ हैं। लांडी उरांव की मानसिक स्थिति या पारिवारिक समस्याओं के बारे में भी कुछ साफ़ नहीं हो पाया है, क्योंकि वह अभी भी बात करने की स्थिति में नहीं हैं।
घटना से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए पड़ोसियों और परिजनों से पूछताछ की जा रही है, लेकिन अभी तक आत्महत्या के पीछे के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
वृद्धावस्था में मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान जरूरी
यह घटना बताती है कि वृद्धावस्था में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की देखभाल कितनी महत्वपूर्ण होती है। कई बार बुजुर्ग अकेलापन, पारिवारिक तनाव, या आर्थिक समस्याओं से जूझते हैं, जो उन्हें मानसिक रूप से कमजोर बना देती हैं।
भारत में आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धों का योगदान भी चिंता का विषय है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं, और अकेलापन अक्सर बुजुर्गों के आत्महत्या के प्रमुख कारण होते हैं। परिवार और समाज को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि बुजुर्गों को उनकी जीवन की इस अवस्था में मानसिक और भावनात्मक समर्थन मिले।
आत्महत्या रोकने के उपाय और जागरूकता
ऐसी घटनाएं परिवार और समाज दोनों के लिए एक चेतावनी हैं कि मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना कितना महत्वपूर्ण है। आत्महत्या के प्रयास को रोकने के लिए, परिवारों को अपने बुजुर्ग सदस्यों के साथ संवाद करना, उनकी समस्याओं को समझना और समय पर सहायता प्रदान करना बेहद जरूरी है।
समाज में आत्महत्या रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना, परिवारों में आपसी बातचीत को बढ़ावा देना और संकट में पड़े लोगों को सही समय पर परामर्श उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।
गुमला जिले में प्रशासन का सहयोग
गुमला के सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने लांडी उरांव की जान बचाने के लिए हर संभव कोशिश की है। प्रशासन ने घटना की जानकारी ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि लांडी उरांव को बेहतर इलाज मिले और उनके परिवार को इस कठिन समय में समर्थन प्रदान किया जाए।
हालांकि, यह घटना एक गंभीर चिंता का विषय है और प्रशासन द्वारा आत्महत्या के प्रयासों को रोकने के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए। गुमला जैसे ग्रामीण इलाकों में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना और संकट में पड़े लोगों तक सही समय पर मदद पहुंचाना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
परिवार और समाज की भूमिका महत्वपूर्ण
लांडी उरांव का आत्महत्या का प्रयास परिवार और समाज के लिए एक संदेश है कि मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सहयोग की जरूरत हर उम्र में होती है, खासकर बुजुर्गों में। परिवार के सदस्यों को अपने बुजुर्गों के साथ समय बिताना चाहिए, उनकी समस्याओं को समझना चाहिए, और यदि वे किसी तनाव या मानसिक दबाव में हों, तो उनका उचित इलाज कराना चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें
यह घटना हमें बताती है कि मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सहयोग की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है, खासकर उन बुजुर्गों के लिए जो अकेलापन या पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। हर परिवार को यह समझना चाहिए कि समय पर ध्यान न देने से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस कठिन समय में प्रशासन और समाज का सहयोग वृद्धों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया
Edited by – Sanjana Kumari