जिले के शिक्षा अधिकारियों के दल द्वारा प्रत्येक माह विद्यालय सहित बीआरसी, सीआरसी का अनुश्रवण
सीआरसी केंद्र के सुसज्जिकरण एवं विभिन्न पंजी संधारण सहित मासिक नवाचार संगोष्ठी के आयोजन, पीयर लर्निंग, बेस्ट प्रैक्टिस शेयरिंग, शिक्षक नेतृत्व और सहयोगी शिक्षण मंच संबंधी कार्य के आदेश
गुमला – गुमला जिले में शैक्षणिक उत्कृष्टता के निमित उपायुक्त गुमला कर्ण सत्यार्थी द्वारा सकारात्मक पहल करते हुए झारखंड शिक्षा परियोजना अंतर्गत सभी संकुल संसाधन केंद्रों के प्रभावी संचालन और जिला स्तरीय दल द्वारा नियमित अनुश्रवण का निर्णय लेते हुए आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। माह मई 2025 के आरम्भ से ही जिला के विभिन्न क्षेत्र भ्रमण हेतु जिला के शिक्षा अधिकारियों के नेतृत्व में चार विभिन्न दलों का गठन किया गया है जो क्षेत्र भ्रमण कर भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धियों सहित पूरे शैक्षणिक व्यवस्था का जायजा लेगी।
उपायुक्त द्वारा कहा गया है कि जिले की शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़, सुचारु एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए सभी संकुल संसाधन केंद्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। संकुल संसाधन केंद्र न केवल शिक्षकों के लिए मार्गदर्शक मंच है, बल्कि वह विद्यार्थियों की सीखने की प्रक्रिया को भी दिशा देने वाला केंद्र है। यह आवश्यक है कि सभी संकुल संसाधन केंद्र में उत्कृष्टता के साथ सशक्त रूप से सभी शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन सुनिश्चित किया जाए।
जिले के सभी 12 प्रखंड और 159 पंचायत के पोषक क्षेत्र में शिक्षा विभाग के कुल 100 संकुल संसाधन केंद्र कार्यरत हैं जिनमें वर्तमान में 89 संकुल साधनसेवी पदस्थापित हैं। नवाचारी संकुल की अवधारणा के अंतर्गत सभी संकुल को नवाचार केंद्र बनाते हुए शिक्षकों हेतु मासिक नवाचार संगोष्ठी का आयोजन, पीयर लर्निंग, बेस्ट प्रैक्टिस शेयरिंग, शिक्षक नेतृत्व और सहयोगी शिक्षण मंच, टीएलएम एवं एफएलएल शिक्षक सहायक सामग्री का विकास और प्रदर्शनी सहित शैक्षणिक गोष्ठि और समुदाय सहभागिता की लिए निर्देशित किया गया है।
संकुल केंद्रों के प्रभावी संचालन हेतु निम्न कार्य सुनिश्चित किये जाने हैं ।:-
1 आधारभूत व्यवस्था सुदृढ़ करना – प्रत्येक संकुल में सुसज्जित सीआरसी कक्ष सुनिश्चित कर बैठकों, प्रशिक्षण और भंडारण की समुचित व्यवस्था सहित बिजली, पानी, शौचालय और बैठने की उचित सुविधा और सूचना पट्ट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
2 शिक्षक प्रशिक्षण एवं अकादमिक सहयोग – संकुल में प्रत्येक माह एक बार शिक्षक बैठक करते हुए विषय विशेषज्ञता, टीएलएम निर्माण, मूल्यांकन विधि, और कठिनाइयों पर संवाद करें । इसके साथ ही शिक्षण-अधिगम अभ्यास मंच, अनुभवी शिक्षक के अनुभव का उपयोग सहित सभी संकुल को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में सक्रिय किया जाए जिसमें प्रत्येक माह शिक्षक 2-3 घंटे की अलग अलग प्रशिक्षण शृंखला में भाग लें।
3 विद्यालय निरीक्षण एवं शैक्षणिक निगरानी – प्रत्येक माह संकुल साधनसेवी द्वारा 18 विद्यालयों का अनुश्रवण अनिवार्य है। इस क्रम में विद्यालय की प्रार्थना सभा, नामांकन एवं छात्र उपस्थिति सहित शिक्षण गुणवत्ता, लेशन प्लान और बच्चों के सीखने के स्तर सहित मध्याह्नन भोजन और एसएमसी बैठक आदि पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। सभी सीआरपी को संकुल दिवस, विद्यालय अनुश्रवण दिवस, सामुदायिक संबंध संबंधी कार्य, शिक्षकों की मासिक बैठक आदि निर्धारित कर मासिक कार्ययोजना की बनाने और स्कूल अनुश्रवण का ऑनलाइन एंट्री के लिए निर्देशित किया गया है।
4 नवाचार व उत्कृष्टता की पहचान – हर संकुल में नवाचार पुस्तिका संधारित कर शिक्षक अथवा विद्यालय द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों का दस्तावेजीकरण और परिचर्चा हेतु निर्देशित किया गया है ।
5 सामुदायिक सहभागिता व एसएमसी संवाद – संकुल स्तर पर एसएमसी संवाद आयोजित कर नामांकन, उपस्थिति, सीखने का स्तर, एवं बच्चों की विशेष आवश्यकताओं पर चर्चा सहित स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों को गतिविधियों में शामिल कर जन-जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं ।
6 दस्तावेजीकरण और तकनीकी समन्वय – सभी संकुल साधनसेवी को संकुल में बैठक मिनट्स, निरीक्षण रिपोर्ट, उपस्थिति पंजी, भ्रमण पंजी, पत्र निर्गत आगत, लेखा संबंधी सभी रेकॉर्ड संधारण के लिए निर्देश दिए गए हैं । इसके साथ ही सभी संकुल को नवाचार केंद्र के रूप में विकसित करते हुए संकुल के सभी विद्यालयों के शिक्षकों के सहयोग से विभिन्न विषयों के टीएलएम सामग्री, चार्ट, मॉडल, डिजिटल कंटेंट, मूल्यांकन पुस्तिका हेतु निर्देशित किया गया है ।
मासिक रिपोर्टिंग अंतर्गत संकुल सचिव के द्वारा संकुल साधनसेवी की प्रत्येक माह की उपस्थिति विवरणी और मासिक गतिविधि प्रतिवेदन प्रखंड कार्यालय को भेजने तथा प्रखंड स्तर पर साप्ताहिक बैठक एवं गुरुगोष्ठी में नियमित समीक्षा के लिए निर्देश दिए गए हैं।
जिला स्तर पर सभी सीआरपी के प्रदर्शन की त्रैमासिक समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें संकुल संसाधन केन्द्रों के क्रियान्वयन की स्थिति एवं प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। जिले के सभी सीआरसी को “एक संकुल – एक मॉडल विद्यालय” के रूप में विकसित करते हुए संकुल संसाधन केन्द्र के संचालन संबंधी उपरोक्त सभी दिशा-निदेर्शो का अनुपालन के लिए निर्देशित किया गया है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया