गुमला: जिले में छात्र अभिप्रेरण सप्ताह के चौथे दिन भी जिला और प्रखंड स्तरीय अधिकारियों ने विभिन्न विद्यालयों का सघन दौरा किया। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के नेतृत्व में संचालित “शिक्षा कर भेंट” अभियान के तहत कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा तैयारियों की समीक्षा की गई। इस दौरान अधिकारियों ने छात्रों से संवाद कर उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त बनाने और बेहतर परीक्षा रणनीति अपनाने के लिए मार्गदर्शन दिया।
छात्रों को मिला आत्मविश्वास बढ़ाने का संदेश
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने विद्यार्थियों से परीक्षा की तैयारी, टाइम मैनेजमेंट और उत्तर लेखन की प्रभावी तकनीकों पर चर्चा की। छात्रों को तनावमुक्त रहकर नियमित अध्ययन करने, उत्तर लिखने की रणनीति विकसित करने और आत्मविश्वास के साथ परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया गया।
शिक्षकों के साथ प्रभावी रणनीतियों पर चर्चा
शिक्षकों के साथ विशेष बैठक आयोजित कर शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम सुनिश्चित करने की दिशा में प्रभावी रणनीतियों पर चर्चा की गई। शिक्षकों से कहा गया कि वे विद्यार्थियों की कमजोरियों को समझकर उन्हें दूर करने में मदद करें और परीक्षा के दौरान मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखें।
प्रमुख अधिकारियों का विद्यालय भ्रमण
आज के विद्यालय भ्रमण में विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से:
- अनुमंडल पदाधिकारी बसिया जयवंती देवगम
- डीसीएलआर चैनपुर कंचन सिंह
- अंचलाधिकारी कामडारा सुप्रिया एक्का
- अंचलाधिकारी बसिया नरेश कुमार मुंडा
- प्रखंड विकास पदाधिकारी बसिया सुप्रिया भगत
- अंचलाधिकारी बिशुनपुर शेखर वर्मा
- अंचलाधिकारी चैनपुर दिनेश प्रसाद गुप्ता
- क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी पालकोट प्रियाश्री भगत
- प्रखंड कृषि पदाधिकारी भरनो रामकृष्ण ओहदार
- प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी घाघरा प्रीति कुमारी कुजूर
- बीपीआरओ पालकोट रामलखन सिंह यादव सहित अन्य वरीय अधिकारी शामिल थे।
विद्यार्थियों को दिए गए महत्वपूर्ण सुझाव
अधिकारियों ने परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विद्यार्थियों को नियमित अभ्यास, प्रश्नपत्र हल करने की तकनीक, रिवीजन की आदत और मानसिक संतुलन बनाए रखने के सुझाव दिए। साथ ही, उन्हें यह भरोसा दिलाया गया कि लगातार मेहनत और सही दिशा में प्रयास से वे बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
अभियान का उद्देश्य
“शिक्षा कर भेंट” अभियान का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को मानसिक रूप से तैयार करना, उन्हें परीक्षा को लेकर आत्मविश्वास देना और बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रेरित करना है। प्रशासन का मानना है कि इस तरह के प्रेरणादायक अभियानों से छात्रों का उत्साह बढ़ता है और वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधिक समर्पण के साथ कार्य करते हैं।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया