गुमला, मार्च 2025: रायडीह प्रखंड स्थित महासदाशिव मंदिर, मरदा में सप्तम वार्षिकोत्सव की शुरुआत भव्य कलश यात्रा से हुई। इस धार्मिक आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालु, साधु-संत, आचार्यगण, कीर्तन मंडलियां और नृत्य दल शामिल हुए। यात्रा की भव्यता और भक्तिमय माहौल ने पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक आभा से भर दिया।
कलश यात्रा का अद्भुत नजारा
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, पूजा-पाठ के बाद नवागढ़ के दुर्गा मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई, जो रायडीह थाने के पास कुलमुंडा एवं मरदा की ओर से आने वाली मंडलियों से मिलकर महासदाशिव मंदिर प्रांगण तक पहुंची।
कलश यात्रा में 101 ध्वजवाहक सबसे आगे चल रहे थे, जिनके पीछे संत-महात्मा, आचार्यगण, गणमान्य लोग, भक्तजन, कीर्तन मंडली और पाइका/नटुआ नृत्य दल चल रहे थे। इसके बाद कानपुर से आए कलाकारों की सजीव झांकी मुख्य आकर्षण बनी, जिसमें भगवान शिव के गले में विशाल जीवित नाग और अजगर देखने को मिला।
कलश वाहकों की टोली, बैंड पार्टी, श्रीधर सेवा संस्थान द्वारा निर्मित झांकी, ताशा पार्टी और अन्य श्रद्धालुओं की लंबी कतार ने शोभायात्रा को अद्वितीय बना दिया। यात्रा के दौरान श्रद्धालु “हर हर महादेव” और “जय श्री राम” के उद्घोष से वातावरण गुंजायमान करते रहे।
भक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा
कलश यात्रा की समाप्ति पर श्रद्धालुओं को शरबत वितरित किया गया। इसके बाद संत-महात्माओं ने आध्यात्मिक प्रवचन देकर भक्तों को धर्म, भक्ति और सदाचार का संदेश दिया।
दोपहर ढाई बजे से अखंड हरिकीर्तन का शुभारंभ हुआ, जबकि त्रयंबकेश्वर से आए आचार्यों द्वारा मंदिर में यज्ञोपवीत कार्य अनवरत रूप से जारी रहा।
विशाल सांस्कृतिक मंच पर श्री हुलास महतो के नेतृत्व में नागपुरी लोकगीत और नृत्य की प्रस्तुतियां हुईं, जिनमें गोलवारी, मर्दाना झूमर, डोमकच, फगुआ और भजन शामिल थे।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति और श्रद्धालुओं का उत्साह
इस शोभायात्रा और महोत्सव में अनेक साधु-संतों, महात्माओं, गणमान्य अतिथियों और मंदिर संचालन समिति के सदस्य शामिल हुए। प्रमुख उपस्थित गणमान्यों में अनिरुद्ध सिंह, विज्ञान सिंह, यश प्रताप जूदेव (जशपुर राजघराने से), विनय लाल, जगनारायण सिंह, शंकर पांडे, सरयू प्रसाद, संजीव उर्वशी, जोगेंद्र सिंह, रामप्रसाद साहू, श्यामसुंदर प्रसाद, कमलेश सिंह, भगवत सिंह और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति मौजूद रहे।
हजारों श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया भंडारा प्रसाद
महासदाशिव मंदिर संचालन समिति के मुख्य संरक्षक अनिरुद्ध सिंह ने जानकारी दी कि आज दोपहर तक 6000 से अधिक श्रद्धालुओं ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन के सफल संचालन के लिए स्थानीय स्वयंसेवकों और मंदिर समिति के सदस्यों का विशेष योगदान रहा।
इस आयोजन ने धार्मिक आस्था, संस्कृति और सामाजिक समरसता का एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसमें श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से भरकर आनंद की अनुभूति की।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया