गुमला, झारखंड | गुमला जिले के कुलमुंडा जंगल क्षेत्र में गुरुवार देर रात एक 57 वर्षीय ग्रामीण आसरो मुंडा देसी बम विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा उस वक्त हुआ जब वे बकरी की तलाश में जंगल की ओर गए थे और खेत के मेड़ पर दबे हुए एक बम को अनजाने में छेड़ दिया।
घटना की सूचना के अनुसार, चालहट्टी गांव निवासी आसरो मुंडा जंगल में बकरी खोजते समय एक बम (स्थानीय पटाखा) पर पहुंच गए, जिसे जंगली सुअरों से फसल बचाने के लिए ग्रामीणों द्वारा जमीन में दबा कर रखा गया था। उन्होंने उसे curiosity या अनजाने में जोर-जोर से दबाना शुरू किया, और तेज गर्मी की वजह से बम अचानक फट गया।
विस्फोट के कारण छर्रे उनके पेट में धंस गए और दोनों हाथ बुरी तरह घायल हो गए। परिवार वालों ने बताया कि तेज धमाके की आवाज सुनकर परिजन तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे, और गंभीर हालत में घायल आसरो मुंडा को कंधों पर उठाकर जंगल से बाहर लाए।
इसके बाद आनन-फानन में एक वाहन की व्यवस्था कर उन्हें गुमला सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची स्थित रिम्स अस्पताल रेफर कर दिया।
स्थानीय प्रशासन को घटना की जानकारी दे दी गई है, हालांकि अब तक इस बम को लगाने वाले व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकी है। ग्रामीणों के मुताबिक, ऐसे देसी विस्फोटक अक्सर जंगली जानवरों को भगाने के लिए खेतों में छुपाकर लगाए जाते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल आम नागरिकों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।
यह हादसा एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में बिना सुरक्षा उपायों के लगाए जाने वाले विस्फोटकों की खतरनाक हकीकत को उजागर करता है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि इस तरह के उपायों पर नियंत्रण लगाया जाए और लोगों को जागरूक किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया