जमशेदपुर : झारखंड राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्य अतिथि के रूप में 14 और 15 नवंबर को शामिल होने के लिए रांची पधार रही हैं। इससे पूर्व आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने गुरुवार को एक पत्र भेजा है. पत्र में श्री मुर्मू ने महान वीर शहीद बिरसा मुंडा और शहीद सिदो-मुर्मू के वंशजों के लिए दो अलग-अलग ट्रस्ट का गठन करने का आग्रह किया है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम कुल ₹100 करोड़ रुपये का अंशदान देने की मांग की है, ताकि उनके वंशजों को सम्मान, न्याय, सुरक्षा और समृद्धि प्रदान किया जा सके.
बिरसा मुंडा व सिदो मुर्मू के वंशजों के हालात ठीक नहीं
उन्होंने कहा कि आज के झारखंड प्रदेश का भूगोल कल का छोटानागपुर और संताल परगना का भूभाग है। जिसकी अवधारणा बिरसा मुंडा और सिदो मुर्मू के नेतृत्व में हुए उलगुलान (मुंडा विद्रोह) और हूल (संताल विद्रोह) का प्रतिफल है। उनके त्याग, संघर्ष, बलिदान के कारण अंग्रेजों को सीएनटी कानून– 1908 और एसपीटी कानून-1855 बनाने को मजबूर होना पड़ा था। यह कानून आदिवासी-मूलवासी का भूमि रक्षक कवच है। उन्होंने कहा कि दोनों कानूनों को बचाने में 2017 में उनका ऐतिहासिक योगदान है। हमें बहुत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज की तारीख में बिरसा मुंडा और सिदो मुर्मू के वंशजों के हालात ठीक नहीं है। अतः उनके सम्मान, सुरक्षा, न्याय और समृद्धि के लिए आपसे सविनय निवेदन है कि दोनों वंशजों के लिए अविलंब दो ट्रस्टों का गठन किया जाए और केंद्र तथा राज्य सरकारों के सहयोग से यथोचित पूंजी अंशदान देकर उनकी संघर्ष, त्याग, शहीदी और बलिदान को सम्मान दिया जाये।