धनबाद/झरिया : कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने धनबाद दौरे के दूसरे दिन शनिवार की दोपहर अग्निप्रभावित क्षेत्र का भ्रमण किया और स्थानीय लोगों की समस्याओं से अवगत हुए. उन्होंने लिलोरिपथरा व बालुगद्दा का दौरा किया व भू-धसान व जहरीली गैस के साये में रहनेवाले लोगों से मुलाकात की. कोयला सचिव ने झरिया मास्टर प्लान के तहत पुनर्वास योजना से संबंधित परेशानियों की जानकारी ली. कोयला सचिव ने स्थानीय लोगों से जाना कि आखिर क्या वजह है, जो अंदर से खोखली हो चुकी जमीन व भूमिगत आग के मुहाने से हटकर सुरक्षित जगहों पर यहां के लोग जाना नहीं चाहते हैं. इसपर स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार द्वारा जिस जगह उन्हें बसाया जा रहा है, वहां सुविधाओं की भारी कमी है. सरकार अगर 2014 का कट ऑफ डेट लागू करती है, तो सभी इस जगह को छोड़ देंगे. जमीन के बदले एकमुश्त पैसों की मांग भी स्थानीयों लोगों ने कोयला सचिव के समक्ष रखी.
बीसीसीएल प्रबंधन आग पर काबू पाने के प्रयास में
सचिव ने स्थानीय लोंगो की सभी समस्याओं पर विचार-विमर्श करने की बात कही. कहा कि सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कुल 27 जगहों पर आग लगी है. कोयला निकाल लेने के बाद भूमिगत आग पर काबू पाया जा सकता है, क्योंकि जमीन के अंदर जैसे ही ऑक्सीजन और एयर मिलती है, तुरंत ही आग पकड़ लेती है. बीसीसीएल योजनाबद्ध तरीके से आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है. कोयला सचिव के कार्यक्रम को देखते हुए बीसीसीएल के अधिकारियों ने आनन-फानन में अग्निप्रभावित व भूधंसान वाले क्षेत्रों की फेंसिंग कराई. सुबह से ही बीसीसीएल अधिकारी कर्मचारियों के साथ इस काम में मुस्तैदी से जुटे रहे. बालुगद्दा के लोगों ने कहा कि महीने में एक आध बार कई पशु भूमिगत आग की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस जाते हैं. कई बार तो बच्चे भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. परंतु बीसीसीएल अधिकारी कभी गंभीर नहीं दिखते. कोयला सचिव के आने से इन खतरनाक इलाकों की फेंसिंग कराने का मतलब सोचने लायक है. दौरे में कोयला सचिव अमृत लाल मीणा के साथ कोल इंडिया चैयरमेन प्रमोद अग्रवाल, आनंद जी प्रसाद, एम के सिंह, धनबाद उपायुक्त संदीप कुमार, सिंदरी डीएसपी अभिषेक कुमार, झरिया अंचल अधिकारी प्रमेश कुशवाहा, दिलीप भगत, केके सिंह, सपन मंडल समेत बीसीसीएल के कई अधिकारी मौजूद थे.