खलारी, 10 जनवरी : सरस्वती विद्या मंदिर डकरा में क्रियात्मक शोध पर गोष्ठी एवं भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन हुआ। जिसकी अध्यक्षता विद्यालय के उपाध्यक्ष अवधेश सिंह ने की। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए क्रियात्मक शोध बहुत सहायक होता है। छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए आप यह कार्य कर रहे हैं, यह बहुत हीं सराहनीय है। विद्यालय के प्राचार्य गोपाल मिस्त्री विश्वकर्मा ने बताया कि विद्या भारती में क्रियात्मक शोध को काफी महत्व दिया जाता है, विद्या भारती योजना अनुसार ही आज की यह गोष्ठी आयोजित है। वर्तमान समय में छात्रों में पढ़ाई के प्रति रुचि में कमी, छात्रों की विद्यालय में अनुपस्थिति , छात्रों के गृह कार्य न करने की आदतें, कक्षा के दौरान मानसिक स्थिति अच्छी नहीं होना आदि विषयों पर क्रियात्मक शोध कर समाधान ढूंढनें की आवश्यकता है। गोष्ठी में विद्यालय की आचार्या रीता दास, अनिता सिंह ने छात्रों के हैंडराइटिंग, स्वास्थ्य व रुचिकर अध्ययन के ऊपर चर्चा की। आचार्य जितेंद्र पांडेय ने छात्रों की अनुपस्थिति, स्मरण शक्ति, पुरावृत्ति के द्वारा कैसे सुधार की जाए इस बात पर चर्चा की। राजेंद्र कामत ने अनुशासनहीनता व ससमय न सक्रिय रहने के साथ प्रतियोगिता में कैसे विद्यार्थियों की रुचि हो इस बात पर चर्चा की। संगीताचार्य दीक्षु शर्मा ने छात्रों के अध्ययन में संगीत उपयोगी माध्यम से कैसे सरल हो जाता है इस विषय-वस्तु पर शोध प्रस्तुत किया। गोष्ठी में आस-पास के विद्यालयों से भी कई शिक्षक व अभिभावकों की उपस्थिति रही। आयोजन में विद्यालय क्रियात्मक शोध में बीरेंद्र झा, वीरेंद्र पाठक, रामनिवास पांडेय, मनोरंजन ओझा, विजय प्रजापति, सिकंदर झा, आनंद जयसवाल, लक्ष्मण महतो, निकु वर्मन, ऋषिकेश सिंह, अजय मिश्रा, राजेश वर्मा, अर्चना सिंह, शशि रंजन, संदीप कुमार कर्ण, विजय उपाध्याय, अनुराग कुमार, अर्चना कुमारी, सरिता कुमारी, हरिनंदन नोनिया आदि शिक्षक-शिक्षिकाएं सक्रिय रहे।