गिरिडीह : बच्चों के साथ होनेवाले यौन उत्पीडन और शोषण से जुड़े पोक्सो एक्ट को लेकर गिरिडीह जिला विधिक सेवाएं प्राधिकार द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का रविवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजन किया गया। कार्यशाला में न्यायिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी व अधिवक्ता शामिल हुए। कार्यशाला का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा, एसपी अमित रेनू, अष्टम जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवंत प्रकाश ने दीप जलाकर किया।
बच्चों से जुड़ी हिंसा समाज में तेजी से बढ़ी
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा ने कहा कि बच्चों से जुड़ी हिंसा समाज में तेजी से बढ़ी है, जिसके कारण कई परिवार चिंताग्रस्त रहते हैं।
गार्जियन अपने बच्चों को स्कूल और खेलकूद के लिए भेजने से हिचकते हैं। लेकिन इसी समाज में अब तेजी से बदलाव करने की जरूरत महसूस की जाने लगी है। क्योंकि बच्चों से जुड़े मामले में पुलिस को अगर पॉस्को एक्ट के तहत जांच और अनुसंधान करना है तो एडवोकेट को भी दायरे में रखकर ही सारे न्यायिक प्रक्रिया को निपटाना है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण वो अपराध है, जिस वक्त वह असामान्य हालात से गुजरती है. ऐसी स्थिति में जब दुबारा जांच और अनुसंधान में वही हालात उसके साथ नहीं हो, इसका भी ध्यान रखना जरूरी है।
बच्चों को जागरूक करना जरूरी: अरविंद कुमार पांडेय
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान न्यायाधीश (कुटुंब न्यायालय) अरविंद कुमार पांडेय ने पोक्सो अधिनियम-2012 के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी.
उन्होंने अभिभावकों तथा विद्यालय के शिक्षकों को अपील की कि अपने घरों एवं विद्यालयों में बच्चों को इस अधिनियम की बेसिक जानकारी निश्चित रूप से प्रदान करें ताकि बच्चे स्वयं जागरूक होकर इस प्रकार के अपराध को करने से बच सकें, तथा यदि किसी बच्चे के साथ इस प्रकार का अपराध हो रहा हो तो वह खुलकर अपने अभिभावक एवं कानून के समक्ष अपनी बातों को रख सके। जिससे कि उन्हें उचित समय पर न्याय के साथ साथ काउंसलिंग इत्यादि प्रदान किया जा सके।
एसपी ने यौन उत्पीड़न पर चिंता जतायी
एसपी अमित रेनू ने कहा कि बच्चों के साथ होते यौन उत्पीड़न के अपराध ने समाज को कलंकित किया है। पुलिस विभाग के सामने जो मामले सामने आ रहे हैं वो हैरान करनेवाले हैं।
लिहाजा, पुलिस के पास मामले आते हैं, तो पुलिस इन मामलों को बेहद संवेदनशील तरीके से जांच करे, जिससे पीड़ित की मानसिक हालात अधिक खराब नहीं हो। इस दौरान एसपी ने पोस्को एक्ट को लेकर कई और जानकारी पुलिसकर्मियों, एडवोकेट और न्यायिक अधिकारियों को दिया।
इस बीच अष्टम जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवंत प्रकाश ने पोस्को एक्ट लेकर ही कई महत्वपूर्ण जानकारी दी। कहा कि पोस्को एक्ट 2012 कभी यह नहीं कहता है की वो किसी पीड़ित की जांच में कोई सख्ती बरते। बेहद संवेदनशील होकर जांच करे, और दोषियों तक पहुंचे।
ये लोग थे शामिल
इधर कार्यशाला में न्यायिक अधिकारी सीमा मिंज, एसडीजेएम श्रुति सोरेन, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सौरभ गौतम, डीएसपी संजय राणा, महिला थाना प्रभारी मनिता कुमारी, महिला एसआई प्रियंका कुमारी, एडवोकेट चुन्नूकांत, बिपिन यादव समेत कई न्यायिक अधिकारी और एडवोकेट शामिल हुए, जबकि कार्यशाला में बाल सरंक्षण समिति के सदस्यों के साथ डीएसई विनय कुमार, डीईओ नीलम टोप्पो व समाज कल्याण अधिकारी रोहित सिन्हा भी शामिल हुएl