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Thursday, September 19, 2024
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राहुल गांधी ने लाल चौक पर फहराया तिरंगा, इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया ये मंजर, कल यात्रा का होगा समापन, कांग्रेस को मिला नवजीवन

जम्मू: भारत जोड़ो यात्रा और कांग्रेस के लिए रविवार बड़ा दिन माना जाएगा और ऐतिहासिक भी. भारत जोड़ो यात्रा अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है। श्रीनगर में रविवार को राहुल गांधी लाल चौक पर तिरंगा फहरा दिया है। राहुल गांधी के साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी और कांग्रेस के कई बड़े नेता भी मौजूद रहे। राहुल गांधी के तिरंगा फहराने को लेकर आम जनता में जोश है। वहीं राहुल गांधी के लाल चौक पर तिरंगा फहराने को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। लाल चौक को सील कर दिया गया है। आम लोगों को आने-जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि रविवार को भारत जोड़ो यात्रा पंथा चौक से आगे बढी और सोनवार चौक पर विराम करने के बाद राहुल गांधी दोपहर 12 बजे श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहरा दिया। इस तरह भारत जोड़ो यात्रा अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. 1992 में नरेंद्र मोदी और मुुुुरली मनोहर जोशी ने भी यहां तिरंगा फहराया था.

यात्रा जारी है और जय हिंद सब पर भारी है, के नारे से इलाका हुआ गुंजायमान
लाल चौक पर ध्वजारोहण की जानकारी कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर दी। ट्वीट में कहा गया कि एक पदयात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक, नफरत को हराकर– दिलों को जोड़ने के लिए असंभव सी लगने वाली भारत जोड़ो यात्रा ने अपने आखिरी पड़ाव में इतिहास रच दिया. तिरंगा फहराने के दौरान…यात्रा जारी है और जय हिंद सब पर भारी है, के नारे से इलाका गुंजायमान हो उठा। इस दौरान भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत से पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार को घेरा और पीएम मोदी पर सवाल भी दागे। अपने ट्वीट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आज कश्मीरी पंडित भाजपा की सरकार से पूछ रहे हैं- हमारा राजनीतिक इस्तेमाल करने के अलावा आपने हमारे लिए किया ही क्या है? वहीं मेन स्ट्रीम के बड़े मीडिया घरानों ने शुरू से भारत जोड़ो यात्रा नजरअंदाज किया, पर सोशल मीडिया में राहुल की यात्रा छायी रही. वहीं भाजपा ने लगातार इसका मजाक उड़ाया. डॉ अजय आलोक जैसे विद्वान राजनीतिक विश्लेषक ने तो इसे मुसलमान जोड़ो यात्रा की संज्ञा दी. यात्रा की राह में आई कई बाधाओं-भीड़ के कारण कोरोना के खतरे की आशंका जताते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने यात्रा रोकने के नोटिस तक जारी किया, पर भाजपा अपनी सभाएं करती रहीं.

टी-शर्ट के मुकाबले मोदी जैकेट का रंग फीका पड़ा

राहुल गांधी के सफेद रंग की टी शर्ट काफी चर्चा में रहा. इससे मोदी जैकेट का रंग फाकी पड़ गया. इस दौरान वे हर समय एक सफेद रंग की टी शर्ट पहने रहे, जो अब एक तरह का ट्रेडमार्क बन चुका है. वे मुस्कराते रहे, लोगों से गले मिलते रहे, प्रेस से बात करते रहे और घनी दाढ़ी बढ़ा ली. इस पूरी कवायद की चर्चा भारतीय राजनीतिक गलियारे में शोर होता रहा. हालांकि लोकसभा चुनाव में अभी कुछ साल भर बाकी है, पर एक चीज साफ है हो गई कि भारत जोड़ो यात्रा ने सदा के लिए राहुल के ‘पप्पू’ वाले नैरेटिव को ध्वस्त कर दिया है. लेकिन ये भी सच्चाई है कि राहुल गांधी का मजाक बनाने का सिलसिला कभी नहीं थमेगा. इसमें यह बात अंतर्निहित है कि उनकी तुलना नरेंद्र मोदी से नहीं हो सकती है, जो एक निर्णय लेने वाले, बुद्धिमान, दूरदृष्टि वाले नेता है और जिनका भाषण कौशल जबरदस्त है. साथ में यह भी कि उन्होंने पार्टी को दो आम चुनावों में बड़ी जीत दिलाई है.

कांग्रेस व राहुल गांधी को नया जीवन मिला

बहरहाल ये भी सच है कि भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस में नई जान आ गई है. इसका पूरा श्रेय राहुल गांधी को जाता है. यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने काफी मुखर तरीके से एक ऐसे व्यक्तित्व का निर्माण किया है, जो मोदी की शख्सियत का मुकाबला कई तरह से करता है. एक साधारण, सफेद हाफ टी शर्ट, जिसे वे कंपकपाती ठंड में भी पहने रहे. ये मोदी के 56 इंच के सीने में किसी शूल की तरह है. मोदी के चुनावी दौरे में लंबे-लंबे रोड शो की जगह प्रतिदिन हजारों किलोमीटर की लंबी यात्रा ने कांग्रेस और राहुल गांधी नया जीवन दिया है. राहुल गांधी प्रेस से बिना किसी रोक-टोक के संवाद करते हैं, जो नरेंद्र मोदी से उनके बीच एक और अंतर को दिखाता है, जिन्होंने लगभग नौ सालों में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं किया है. इसके साथ उनकी उम्र और उनकी ऊर्जा को जोड़ दीजिए, जो एक नौजवान देश के साथ एक रिश्ता कायम कर लेती है.

31 साल पूर्व मोदी-मुरली ने भी लहराया था तिरंगा

उल्लेखनीय है कि आज से ठीक 31 साल पहले मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी ने 26 जनवरी 1992 को लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। साल 1992 में नरेंद्र मोदी भाजपा के सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी की टीम का हिस्सा थे। मुरली मनोहर जोशी के साथ तब नरेंद्र मोदी ने लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। तब पूरी कश्मीर घाटी में तनावपू्र्ण स्थिति पैदा हो गई थी। लेकिन आज जम्मू-कश्मीर में चारों ओर खुशी का माहौल है. लाल चौक पर लहरात तिरंगा इस बात का गवाह बना कि यहां अमन-चैन कायम है. कहीं कोई तनाव भी नजर नहीं आ रहा है.  

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