गोड्डा: बच्चों पर परीक्षा का अतिरिक्त बोझ ना पड़े, इसके लिए अदाणी फाउंडेशन ने एक अनोखी पहल की है। जिला शिक्षा विभाग के साथ मिलकर अदाणी फाउंडेशन के ज्ञानोदय कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूल के बच्चों का मॉक टेस्ट कराया गया। इस मॉक टेस्ट में 10वीं की परीक्षा वाले 134 सरकारी स्कूल के लगभग चौदह हजार बच्चों ने हिस्सा लिया। मॉक टेस्ट के लिए जेएसी द्वारा जारी मॉडल प्रश्नों के आधार पर ही प्रश्नपत्र तैयार कराया गया। प्रश्नपत्र में ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव दोनों तरह के प्रश्नों को शामिल किया गया। इस मॉक टेस्ट का मकसद परीक्षा से पहले बच्चों की तैयारी का आकलन करना है। मॉक टेस्ट के बाद स्कूल के ही शिक्षकों द्वारा उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन कराया गया. फाउंडेशन के ज्ञानोदय कार्यक्रम के तहत मॉक टेस्ट में प्राप्त अंकों के आधार पर बच्चों का कॉन्सेलिंग भी किया जा रहा है, ताकि जिन विषयों पर बच्चों की पकड़ कमजोर है उन्हें समय रहते दुरूस्त किया जा सके। ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के बाद पहली बार इस शैक्षणिक सत्र में प्रश्नपत्र का पैटर्न भी कोविड पूर्व में लिए जाने वाले परीक्षा की तरह कर दिया गया है। सरकारी स्कूलों में मॉक टेस्ट के जरिए छात्रों के आंकलन की इस प्रक्रिया की सराहना कई अभिभावक भी कर रहे हैं।
एग्जाम से पहले जरूर देना चाहिए ये टेस्ट
परीक्षा से पहले मॉक टेस्ट की सलाह अक्सर एक्सर्ट द्वारा दिए जाते हैं। इसके कई फायदे होते हैं। सबसे पहले तो आपको ये पता चलेगा कि आपकी तैयारी कैसी है और फाइनल परीक्षा के लिए कितनी मेहनत और करनी है। आसान भाषा में अगर मॉक टेस्ट को समझे तो इसका मतलब होता है नकली परीक्षा जो परीक्षा से पहले ली जाती है। इससे परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को ये पता चल जाता है कि उनकी तैयारी कितनी हो चुकी है और कितनी बाकी है। मॉक टेस्ट भी परीक्षा की तरह ही आयोजित की जाती है, जिसमें बिना किसी की मदद से परीक्षा देनी होती है वो भी समय के हिसाब से। उसके बाद परीक्षा में मिले अंक से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि फाइनल परीक्षा के लिए आप कितने तैयार हैं। इससे आपका कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा। बताते चलें कि अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से सरकारी स्कूलों में चलाए जा रहे ज्ञानोदय स्मार्ट क्लास कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। ज्ञानोदय कार्यक्रम के लागू होने के बाद से बोर्ड परीक्षा में गोड्डा जिले के रैंक में लगातार सुधार देखने को मिला है। वर्तमान में झारखंड के 24 जिलों में गोड्डा का रैंक 7वां है, जबकि 2018 में गोड्डा 21वें रैंक पर था। अदाणी फाउंडेशन के अधिकारी कहते हैं कि, मॉक टेस्ट का मकसद बच्चों की तैयारी के साथ 10वीं में गोड्डा के रैंकिंग को और ज्यादा सुधार लाने का है। शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देश पर अदाणी फाउंडेशन का यह अनूठा प्रयोग वाकई प्रशंसनीय है।