खलारी/डकरा, 14 फरवरी : उत्तरी कर्णपुरा क्षेत्र के एक मात्र केंद्रीय अस्पताल में बढ़ियाँ ईलाज एवं दवाईयों की कमी तो पहले से ही थीं पर अब डॉक्टरों से परामर्श लेना भी दूभर हो गया है। अबतक ईलाज के लिए आये मरीजों को डॉक्टरों से परामर्श के लिए डॉक्टरों एवं एमआर के मुलाकात के बाद अपनी बारी का इंतजार तो करना ही पड़ता था अब उन्हें निःशुल्क मिलने वाले परामर्श के लिए भारी शुल्क का भुगतान भी करना पड़ेगा। बताया गया कि गैर सीसीएल के लोगों व आस पास के ग्रामीण जो अस्पताल के डॉक्टरों से परामर्श लेते थे और दवाईयाँ बाहर से लेते थे,
अब उन्हें परामर्श शुल्क 100 रुपया भुगतान करना पड़ेगा। और इतना ही नहीं अस्पताल में गर्भवती महिलाओं से अल्ट्रासाउंड का 800 रुपया पहले से ही लिया जाता है जो शहरी क्षेत्र के निजी अस्पतालों के शुल्क से बढ़कर या बराबर है और मरीज को इसका न तो कोई रशीद दिया जाता है और ना ही कोई ऑफिसियल रिकॉर्ड ही रखा जाता है। इधर सीसीएल एवं अस्पताल प्रबंधन द्वारा मनमानी करते हुए परामर्श शुल्क 100 रुपया किये जाने पर यू सु डब्ल्यू यू/एटक उत्तरी कर्णपुरा क्षेत्र के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा चौहान ने विरोध करते हुए कहा है कि केंद्रीय अस्पताल डकरा में गैर सीसीएल के लोगों के लिए डॉक्टरों का परामर्श शुक्ल 100 रुपया कर दिया गया है जो किसी भी नियम से सही नहीं कहा जा सकता है।
अगर तुलनात्मक दृष्टि से भी देखा जाए तो झारखण्ड के सबसे बड़ी अस्पताल रिम्स , सदर एवं विभिन्न प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में परामर्श या रजिस्ट्रेशन शुल्क पाँच या दस रुपया ही लिया जाता है। वहीं लाल, पिला, हरा कार्ड धारी को मुफ्त चिकित्सा सुविधा दी जाती है। लेकिन सीसीएल के केंद्रीय अस्पताल में इस तरह का निर्णय लेकर गरीब असहाय लोगों को इलाज से वंचित किया जा रहा है जो उचित नहीं कहा जा सकता है। इससे ग्रामीण जनता, विस्थापित, प्रभावित एवं खास कर के गरीब लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने सीसीएल प्रबन्धन से आग्रह किया है कि पुनः विचार करते हुए आम जनमानस को राहत दे एवं परामर्श शुल्क अथवा रजिस्ट्रेशन शुक्ल की राशि पांच या दस रूपया या पहले की भाँति निःशुल्क व्यवस्था करे।
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