रांची: पांकी में महाशिवरात्रि को लेकर हो रही तैयारियों के बीच भड़की हिंसा के लिए आरएसएस और भाजपा के नेता जिम्मेवार है। भाजपा, आरएसएस एवं सांप्रदायिक सद्भाव विरोधी ताकतें राज्य में सांप्रदायिक दंगा फैला कर वोटों के ध्रुवीकरण की राजनीति कर राज्य को हिंसा के आग में झोंकने का षड्यंत्र कर राज्य सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है, जिसे झारखंडी समाज एवं आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच कदापि बर्दाश्त नहीं करेगा। आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने कही।
तोरणद्वार नहीं लगाने पर हुआ था समझौता
श्री नायक ने कहा कि पलामू के पांकी में जामा मस्जिद है. वहां कभी भी महाशिवरात्रि में तोरण द्वार नहीं लगा था. घटना के पूर्व भी स्थानीय पुलिस स्टेशन में दोनों पक्षों के बीच यह समझौता हुआ था कि मस्जिद के सामने तोरण द्वार नहीं बनाया जाएगा, इसके बावजूद भाजपा और आरएसएस के लोगों ने धार्मिक युद्धोउन्माद फैला कर तोरण द्वार लगा दिया, जिससे मस्जिद में मौजूद लोगों ने इसे रोका तो पत्थरबाजी की गई. मकानों में आग लगा दी गयी. इस घटना में कई लोग घायल भी हुए। इस घटनाक्रम ने यह संकेत दिया है कि भाजपाई एंव आर.एस.एस के लोग चुनाव से पूर्व राज्य में हिन्दु मुस्लिम का दंगा करा कर सत्ता में आने के लिए कुत्सित प्रयास करने पर आमादा है, जिसका आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच कड़े शब्दों में निंदा करता है. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि वे पीडित परिवार के लोगों को मुआवजा दे तथा घायलों को उचित चिकित्सा व्यवस्था कराए।