रांची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने आदिवासी रेजिमेंट गठन की मांग को लेकर राष्ट्रपति को सोमवार को एक पत्र लिखा है। इस पत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को भी भेजी गई है। पत्र में उन्होंने कहा है कि हमारा महान देश अपने-आप में विविध जाति, धर्म, समुदाय, भाषा आदि की बहुलतावाद संस्कृति को समेटे हैं। हमारे देश के संविधान और हमारी संस्कृति की यह विशिष्टता है कि सभी को समान रूप से संरक्षण, संवर्द्धन और प्रोत्साहन मिलता है।
आदिवासी समुदाय ने कई स्वतंत्रता सेनानी दिए
उन्होंने पत्र में लिखा है कि ये बातें आपके संज्ञान में है कि आदिवासी समुदाय ने राष्ट्र को ऐसे अनेक वीर स्वतंत्रता सेनानी दिये हैं, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिये अपना सर्वोच्च योगदान दिया। न केवल स्वतंत्रता संग्राम में बल्कि आजादी के बाद विभिन्न युद्धों में भी भारतीय थल, वायु और नौसेना में शामिल आदिवासी सैनिकों ने अपना सर्वोत्कृष्ट योगदान दिया और उन बहादुर सैनिकों को विशिष्ट सम्मानों से अलंकृत भी किया गया। आज के समय में यह बात बहुत अधिक प्रासंगिक होगा कि जिस प्रकार से विशिष्ट धार्मिक एवं जातिगत नाम और पहचान के साथ विविध रेजिमेंट स्थापित हैं। उसी प्रकार आदिवासी रेजिमेंट की भी अविलंब स्थापना की जाय। आर्थिक सामाजिक, सामरिक एवं रक्षा के क्षेत्र में इसके बहुआयामी सकारात्मक परिणाम होंगे।
केंद्र सरकार से पहल करने का आग्रह
पत्र के अंत में बंधु तिर्की ने लिखा है कि हमें पूर्ण विश्वास है कि आदिवासी रेजिमेंट के गठन का मामला आपके व्यापक दृष्टिकोण में भी समयानुकूल एवं प्रासंगिक होगा और आप इस विषय पर सकारात्मक पहल करते हुए केन्द्र सरकार को निर्देशित करेंगी। बंधु तिर्की की इस मांग से एक बार फिर आदिवासी रेजिमेंट की बहस में तेजी आएगी. इससे पूर्व भी बंधु तिर्की आदिवासी रेजिमेंट की मांग कर चुके हैं. वे एकमात्र ऐसे आदिवासी नेता हैं जो लगातार आदिवासी रेजिमेंट की वकालत करते नजर आते हैं.