नई दिल्ली: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह द्वारा पीएम का साथ देने से जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार बेहद नाराज चल रहे हैं. हरिवंश राष्ट्रपति का संदेश पढ़ते हुए उन्होंने कहा-संविधान बनानेवालों ने तय किया कि चुनी हुई सरकार देश चलाएगी। मुझे इस बात की बहुत संतुष्टि है कि संसद के प्रति विश्वास के प्रतीक प्रधानमंत्री मोदी इस संसद का उदघाटन कर रहे हैं। जदयू को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा है. उनके सिपहसालार ललन सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार बदली तो नई संसद में कुछ और काम होगा। उधर, नीतीश के प्रसाद से राज्यसभा के उप सभापति बने हरिवंश पीएम मोदी के साथ कदमताल करते हुए नए भवन की प्राण प्रतिष्ठा में जतन से लगे थे। उन्हीं के जरिए राष्ट्रपति का संदेश पढ़वा कर भाजपा ने नीतीश कुमार को आईना भी दिखा दिया। संसद की सभा में बोल तो रहे थे हरिवंश, पर जेडीयू का तीर चुभ रहा था नीतीश के सीने में।
उदघाटन में हुई फजीहत के बाद जदयू में हरिवंश की आलोचना
हालांकि जनता दल यूनाइटेड ने हरिवंश पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है लेकिन बेइज्जत करना जरूर शुरू कर दिया है। जब नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ तीसरा यू-टर्न लिया और लालू की गोद में बैठ गए तो हरिवंश जी बच गए। ललन सिंह ने डंके की चोट पर कहा कि हरिवंश जी उपसभापति बने रहेंगे। लेकिन उदघाटन में हुई फजीहत के बाद नीतीश की पार्टी तिलमिला गई है। उधर बिहार बीजेपी के नेता भी चुटकी लेने से बाज नहीं आ रहे। तो आज जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने ललन सिंह की नैतिकता पर धावा बोल दिया। ये कह कर कि हरिवंश ने अपनी लेखनी और जमीर दोनों बेच दी है और जल्दी ही उनके खिलाफ सख्त फैसला लिया जाएगा। लेकिन नीतीश कुमार क्या ऐसा कर सकते हैं? पार्टी से निकालना तो उनके अख्तियार में है लेकिन इससे हरिवंश की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।