नई दिल्ली : आंदोलनरत पहलवानों का मामला दिल्ली पुलिस के गले की फांस बनती जा रही है. दिल्ली पुलिस ने बुधवार को यह बताया कि भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला विचाराधीन है और जांच की स्थिति रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाएगी। इससे पहले, आधिकारिक सूत्रों ने कहा था कि पुलिस को महिला पहलवानों द्वारा सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों के पक्ष में पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं और वह 15 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जैसे ही यह खबर मीडिया में आई, दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि यह खबर ‘गलत’ है और इस संवेदनशील मामले में पूरी संवेदनशीलता के साथ जांच जारी है। पुलिस की एक प्रवक्ता ने बाद में यह संदेश संवाददाताओं के साथ साझा किया लेकिन करीब एक घंटे बाद ही दिल्ली पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
अनुराग ठाकुर ने फिर वही रटा-रटाया सा बयान जारी किया
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के भारी विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से कहा है कि उनकी मांग पर कमेटी का भी गठन किया गया है, जो महासंघ का काम देख रही है। उन्होंने कहा कि कहा कि खिलाड़ियों को कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे कि किसी खिलाड़ी का नुकसान उठाना पड़े। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष तरीके से जांच की जा रही है और मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, कई पहलवान अपने-अपने मेडल विसर्जित करने हरिद्वार पहुंचने के बाद केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ते देख अनुराग ठाकुर ने फिर वही रटा-रटाया बयान जारी किया है. क्योंकि नरेश टिकैत ने केंद्र सरकार को 5 दिनों का अल्टीमेटम दिया है।
कपिल सिब्बल का दिल्ली पुलिस से सवाल: पॉक्सो एक्ट के तहत कब होगी कार्रवाई…?
इधर, राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सवाल उठाया कि पॉक्सो कानून और इसके तहत तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान सिंह पर इसलिए लागू नहीं होता, क्योंकि वह भाजपा के सांसद हैं। सिब्बल की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब एक दिन पहले ही विरोधी प्रदर्शन कर रहे पहलवान ओलंपिक सहित तमाम अन्य पदक गंगा में विसर्जित करने की धमकी देते हुए हरिद्वार पहुंची थी। सिब्बल ने अपने ट्वीट में कहा है कि क्या पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ज होने और 164 बयान दर्ज किए जाने के बाद तत्काल गिरफ्तारी बृजभूषण शरण सिंह के अलावा सभी आरोपियों पर लागू होती है…क्योंकि वह भाजपा से ताल्लुक रखते हैं, प्रतिष्ठित महिला पहलवान कोई मायने नहीं रखते, सिब्बल ने सवाल किया कि क्या यही मेरा नया भारत है?
गंगा में मेडल बहाने से हमें फांसी नहीं मिलेगी: बृजभूषण सिंह
इस बीच बृजभूषण सिंह ने एक बार फिर बेखौफ गंगा में मेडल बहाने के मामले में कहा कि यदि मेरे ऊपर लगाए गए एक भी आरोप सही साबित हो गए तो मैं खुद फांसी पर लटक जाऊंगा। किसी को कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है। मैं आज भी अपनी बात पर अडिग हूं. सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही तो ये लोग (धरना पर बैठे पहलवान) अपने मेडल गंगा में विसर्जित करने जा रहे हैं। गंगा में विसर्जित करने से बृजभूषण शरण सिंह को फांसी नहीं मिलने वाली है। मेरे खिलाफ सबूत हैं तो कोर्ट में पेश करो और तब न्यायालय मुझे फांसी देगा तो मुझे स्वीकार है.
बृजभूषण पर होगी चार्जशीट या उन्हें मिलेगी क्लीन चिट…!
बता दें कि पहलवानों के मामले में पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है, जो पॉक्सो अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता की शील भंग करने से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई है। दूसरी प्राथमिकी शील भंग करने के मामले में वयस्कों की शिकायत पर दर्ज की गई है। हालांकि इधर खबर मिल रही है बृजभूषण पर चार्जशीट हो सकती है या उन्हें क्लीन चिट भी मिल सकती है. वहीं कांग्रेस ने भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवानों द्वारा अपने पदक गंगा में प्रवाहित करने की घोषणा को लेकर कहा कि देश को इस बात का दुख है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन पहलवानों से यह कदम नहीं उठाने की अपील कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।