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Saturday, November 23, 2024
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बीके पाठशाला डकरा सुभाष नगर ने मम्मा डे के रूप में मनाया मातेश्वरी जगदंबा का 58वीं पुण्य स्मृति दिवस, मम्मा के जीवन की सबसे बड़ी शिक्षा हर घड़ी अंतिम घड़ी है, ऐसी सोच रख कर्म करो

डकरा, 24 जून : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि गुमला शाखा के नेतृत्व में संचालित बीके पाठशाला डकरा सुभाष नगर केन्द्र पर संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा की 58वीं पुण्य स्मृति दिवस मम्मा डे के रूप में मनाई गई। मुख्य अतिथि के रूप में मजदूर नेता सह पूर्व जिला परिषद अब्दुल्ला अंसारी एवं बेती पंचायत की मुखिया सरिता देवी उपस्थित रहें। इस अवसर पर मम्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की गई। केंद्र में मौजूद अनेकों  बहन-भाइयों ने दीप प्रज्वलित व कैंडल लाइटिंग करते हुए मम्मा की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित किया ।  केंद्र के नियमित बीके प्रीति बहन ने कहा कि मम्मा ज्ञान, स्नेह और शांति की मूर्ति थी। उनके सामने कितना भी क्रोधी मनुष्य जाता था वह शांत और शीतल हो जाता था। यही कारण है कि उन्हें मातेश्वरी जगदंबा कहा जाता है। उनका व्यवहार अपने आप में एक उच्च आदर्श रहा। बहन प्रीति ने कहा कि मातेश्वरी जगदम्बा पूरे विश्व की मां थी। वह पूरे विश्व को अपना मानती थी। मम्मा के जीवन की सबसे बड़ी शिक्षा हर घड़ी अंतिम घड़ी है, ऐसी सोच रख कर्म करो, को बताते हुए कहा कि मम्मा ने सिर्फ उपदेश नहीं दिये बल्कि हर कर्म का प्रयोग करके सिखाया। मम्मा खुद आदर्श प्रस्तुत कर दूसरों के लिए प्रेरणा पेश की। यही कारण रहा कि वह मम्मा के रूप में जानी गई और पूरे विश्व के लिए वह एक आदर्श बनी। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। वही मुख्य अतिथि अब्दुल्ला अंसारी एवं सरिता देवी ने ब्रह्मकुमारी संस्था के गुणों का बखान करते हुए दोनों ने आगे बेहद का सेवा करने की बात कही। वही वक्ताओं ने जगदंबा सरस्वती मां को गुणों की धनी बताया। साथ ही कहा आज मानव पतन की ओर जा रहा है और अपनी मर्यादाओं को भूलते हुए कलयुग के वशीभूत हो रहा है लेकिन परमपिता परमात्मा शिव बाबा के बताए हुए मार्ग में चलने से कलयुग से सतयुग जैसा माहौल निर्मित हो जाता है। उन्होंने कहा की परमात्मा तो सबके लिए एक जैसा देता है लेकिन जो करेगा सो पाएगा। कार्यक्रम की शुरुआत मुरली से हुई। इस कार्यक्रम में बरवाडीह से चलकर आई हिमानी बहन ने एक सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। जबकि पूनम बहन ने मम्मा के पसंदीदा फल का विशेष ख्याल रखते हुए भोग लगाने के लिए अंगूर लाया। अंत मे सभी बहन- भाइयों ने प्रसाद के रूप में खिचड़ी व हलवा ग्रहण किया। मौके पर अशोक मंडल भाई, संजय भाई, गणेश भाई, कृष्णा भाई, विमला बहन, ममता बहन, अलका बहन सुनिधि बहन, अनुष्का बहन, टिंकी बहन, पिंकी बहन, संगीता बहन, अमिता बहन, शकुंतला बहन, भूमि बहन, आरती बहन सहित अनेकों बहन-भाई मौजूद थे।

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