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Friday, September 20, 2024
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HomeLocal NewsKhalariरोड सेल चालू नही होने पर  केडीएच खदान बन्द कराया

रोड सेल चालू नही होने पर  केडीएच खदान बन्द कराया

खलारी / डकरा । रोड सेल चालू नही होने पर नाराज रैयत विस्थापित मोर्चा द्वारा बुधवार को केडीएच परियोजना का उत्पादन एवं डिस्पैच बन्द करा दिया। बुधवार को रैयत विस्थापित मोर्चा के बैनर तले सभी पंचायत प्रतिनिधि एव रैयत विस्थापित केडीएच कांटा घर के पास एकत्र हुए और दोपहर 12 बजे घूम घूमकर केडीएच खदान एवं कोयला ढुलाई बन्द करा दिया। इस दौरान पूरा दिन खदान का काम बन्द रहा। उसके बाद केडीएच कांटा घर के पास मोर्चा के लोगों ने बैठक की, जिसमें मोर्चा एवं स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कि रैयत विस्थापित केडीएच परियोजना के जमीन के बदले में सभी स्थानीय रैयत विस्थापितों को रोजगार हेतु कोल डंप दिया गया था। जिसमें केडीएच परियोजना के अंतर्गत 17 गांव आते है वे सभी गाँवों को कोल डंप के माध्यम से रोजगार प्राप्त है। जिसमें कुछ बाहरी लोग फर्जी रैयत बन कर इस कोल डंप से मिले रोजगार को बंद करने की साजिश कर रहे हैं जिस कारण 17 गाँवों के लोगों का रोजगार प्रभावित हो रहा है। मोर्चा ने प्रबंधन से आग्रह है किया है कि इन लोगों पर कानूनी कारवाई करते हुए यहां के मूल रैयत विस्थापितों को रोड सेल चालू कर रोजगार दिया जाय। साथ ही पूर्व में भी 31 सूत्री मांगों पर प्रबंधन का कोई भी सकारात्मक पहल नही दिख रहा है इसलिए 31  जुलाई से  रैयत विस्थापित मोर्चा के बैनर तले  एनके एरिया बंद कराया जाएगा जिसकी सारी जिम्मेवारी सीसीएल प्रबंधन की होगी। मोर्चा ने कहा कि प्रबंधन स्थानीय रैयत विस्थापितो को रोजगार देने की बात कहती तो है वहीं दूसरी ओर रोजगार के सवाल पर कोई पहल नही दिखता है। प्रबंधन को रोजगार के सवाल पर रैयत विस्थापितों के साथ सहयोगात्मक रवैया रखना होगा अन्यथा एनके एरिया के जो भी परियोजना विस्तारीकरण होने वाला वह नही होगा। क्योंकि कोई भी रैयत विस्थापित प्रबंधन को सहयोग नही करेगा।बैठक में प्रखंड प्रमुख सोनी तिग्गा, टंडवा दक्षिणी जिला परिषद सदस्य नेहा उरांव, विश्रामपुर मुखिया दीपमाला कुमारी, चुरी पश्चिमी मुखिया शांति देवी, तुमांग मुखिया संतोष कुमार महली, इंदिरा देवी, अनिता एक्का, जालिम सिंह, विनय ख़लखो, जगरनाथ महतो, रंथू उराँव, नरेश गंझू, रामलखन गंझू, अमृत भोगता, दामोदर गंझु, प्रभाकर गंझू, सलामत असारी, इस्माईल असारी, सहदेव महली, अनिल पासवान, सिपता रामधारी गंझू, बैजू गंझू, राजेन्द्र उरांव, श्याम जी महतो,जफरुद्दीन असारी,सुनीता देवी, मुन्ना देवी,नगीना देवी सहित काफी संख्या में रैयत विस्थापित मौजूद थे।

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