गिरिडीह, (कमल नयन) : डुमरी विस उपचुनाव में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच सभी पोलिंग बूथों की ईवीएम और मतदानकर्मियों की सकुशल वापसी के बाद जिला एवं पुलिस प्रशासन ने बुधवार को राहत की सांस ली। सभी की सकुशल वापसी और डुमरी विधानसभा उपचुनाव का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के बाद डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और एसपी दीपक कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता कर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2023 के इस उपचुनाव में कुल 64.83 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि पिछले 2019 के चुनाव में 69.74 प्रतिशत मतदान हुआ था। इन सबके बीच चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न होना बड़ी बात है।
अब मतगणना की तैयारी में लगा प्रशासन
कहा कि किसी भी पोलिंग बूथ में पुनर्मतदान की जरूरत नहीं हुई और न ही किसी बूथ से किसी गड़बड़ी की कोई सूचना मिली। आला अधिकारियों ने कहा कि चुनाव कार्य प्रक्रिया से जुड़े सभी के सहयोग से भयमुक्त माहौल में बगैर किसी विघ्न-बाधा के मतदान सम्पन्न हो पाया। कहा कि प्रशासन का अब सारा फोकस 8 सितंबर को होनेवाली मतगणना पर है। सुबह सात बजे से मतगणना कार्य शुरू किया जाएगा। मतगणना में 16 टेबल लगाए जाने है और 24 राउंड में मतगणना खत्म कर दी जाएगी। पचम्बा के कृषि उत्पादन बाजार समिति में अर्धसैनिक बलों की निगरानी में ईवीएम को सुरक्षित रखा गया है। सारे ईवीएम आठ सितंबर को खुलेंगे.
और अब चर्चा…किसने किसके साथ किया भितरघात…?
इस बीच डुमरी के एक खबरीलाल की बातों पर गौर करें डुमरी विधानसभा के लिए 5 सितंबर को मतदान सम्पन्न होने के बाद अब चौक-चौराहों और चाय-पान की दुकानों पर प्रत्याशियों के हार-जीत की चर्चा छिड़ी हुई है। आइएनडीआइए के कार्यकर्ता जहां, अपने गठबंधन की उम्मीदवार बेबी देवी की जीत के प्रति आश्वस्त हैं तो, वहीं एनडीए कार्यकर्ता अपने गठबंधन की प्रत्याशी यशोदा देवी की जीत का दावा भी ठोंक रहे हैं। दोनों गठबंधन की उम्मीदवार भी अपनी-अपनी जीत के प्रति विश्वास जता रहे हैं। आमजनों में हो रही चर्चाओं की बात करें तो एनडीए में भितरघात की चर्चा है. जिसका लाभ निर्दलीय उम्मीदवार कमल प्रसाद साहू के पक्ष में जा सकता है, जबकि यदि इंडिया गठबंधन में भितरघात हुआ होगा तो वैसे वोट एआईएमआईएम प्रत्याशी अब्दुल मोबिन रिजवी के पक्ष में जा सकते हैं। हालांकि चर्चा यह भी है कि जिस तरह से दोनों गठबंधनों के दिग्गजों ने इस उपचुनाव में ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं एवं प्रचार प्रसार किया, उससे उपचुनाव को दिलचस्प और कांटें की टक्कर का बना दिया. किसने किसके खिलाफ किया भितरघात, ये चुनाव परिणाम के बाद देखने-सुनने को मिलेगा.
जिला प्रशासन ने मतदाताओं में जागरूकता का अलख जगाया
अब देखना होगा कि 8 सितंबर को किसके सिर जीत का सेहरा बंधता है। हालांकि जिस तरह से चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत जिला प्रशासन ने पारदर्शी एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए हरेक बूथों में वेब कैमरा तथा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी, उसका परिणाम यह हुआ कि ग्रामीण व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी मतदाताओं की भीड़ ने भयमुक्त होकर बारिश में भी बूथों में पंक्तिबद्ध होकर मतदान किया। प्रशासन की चुस्ती और मुस्तैदी के अलावा मतदाताओं की जागरुकता के लिए जिला प्रशासन डुमरी के ग्रामीण इलाकों में अच्छा कैम्पेन चलाया. मतदाताओं को निर्भीकता से वोट डालने के लिए प्रेरित किया गया, इसका असर भी बूथों पर देखा गया. दूसरी तरफ चुनाव कार्य में लगे पुलिस प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी एवं सुरक्षा बलों की भी बड़ी भूमिका रही।