खलारी। 16 अक्टूबर से जिले के बालू घाटों से बालू के उठाव पर लगे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के प्रतिबंध को हटा दिया गया है। लेकिन खलारी प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में बालू घाटों का टेंडर आज तक नहीं हो पाया है। जबकि एनजीटी की ओर से हर साल मानसून के दौरान 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू का उठाव प्रतिबंधित रहता है। हालांकि इस दौरान भी प्रखंड क्षेत्र के कई बालू घाटों से तस्करों द्वारा अवैध तरीके से बालू की निकासी होती रही। मिली जानकारी के मुताबिक प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में स्थित नदी घाट से तस्करों द्वारा बालू का उठाव धड़ल्ले से किया जा रहा है। बताया जाता है कि प्रत्येक दिन अलग-अलग घाटों से तकरीबन 100 से अधिक ट्रैक्टर बालू का अवैध उठाव हो रहा है। इससे सरकार को प्रत्येक माह लाखों रुपए के राजस्व की क्षति हो रही है। एनजीटी की लगी प्रतिबंध तो खत्म हो गई है, मगर ऐसे जगहों से बालू का उठाव हो रहा है जिन घाटों की नीलामी या बंदोबस्ती अब तक प्रशासन के द्वारा नहीं की गई है। इधर सूत्रों के मुताबित प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चूरी दक्षिणी पंचायत स्थित होयर सपही नदी से प्रातःकाल 3 बजे सुबह से 7 बजे शाम तक अवैध रूप से बालू का उठाव किया जा रहा है। ऐसे में बालू की निकासी पर लगी एनजीटी की रोक हटने के बाद से नदी से यदि बालू का उठाव किया जाता है तो बालू का अवैध उठाव ही माना जायेगा।