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Saturday, September 21, 2024
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रामलला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा के बाद बेती के ब्रह्माकुमारी गीता पाठशाला में दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया

पिपरवार । भगवान राम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी सोमवार को रामलला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा के बाद शाम को ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय गुमला शाखा से जुड़ी डकरा सुभाष नगर की नियमित बीके प्रीति बहन के नेतृत्व में बेती के ब्रह्माकुमारी गीता पाठशाला में दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दीपोत्सव कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पहुंचे बहन-भाइयों ने श्रद्धा के साथ दीप जलाकर अपने रामलला के प्रति श्रद्धा दिखाई। साथ ही सभी ने जय श्रीराम का जयकारा लगाया तो वातावाण गूंजायमान हो गया। इस दौरान बीके प्रीति बहन ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उन्हें भगवान का अवतार बताया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर सिर्फ लोगों की आस्था और विश्वास से जुड़ा देवालय भर नहीं है, बल्कि यह उस मर्यादा पुरुषोत्तम का मंदिर है। कहा कि श्री राम के नाम के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम जुड़ा है, क्योंकि वह हमेशा मर्यादा का पालन करते रहे। वह एक श्रेष्ठ राजा, आदर्श बेटे, उच्च कोटि के शिष्य, आदर्श भाई और पति थे, जिन्हें युगांतर तक उनके इसी रूप में याद किया जाएगा। पूरा जीवन श्रीराम सत्य, धर्म, दया और मर्यादा के पथ पर चले। इसी कारण उनके राज को राम राज्य कहा गया। जिसके जैसा हर कोई पुत्र, पति, भाई, मित्र आदि पाना चाहता है। यही कारण है कि दुनिया भर में उनके जीवन से जुड़ी रामलीला होती है। दरअसल परमपिता शिव परमात्मा एक ऐसी मणि है, जिससे जुड़ाव होते ही जीवन का सारा अंधेरा दूर हो जाता है। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम करुणा और दया के सागर हैं। धर्म की रक्षा करने वाले हैं। मान्यता है कि जब-जब सृष्टि पर पापाचार, अत्याचार, अशांति फैलती है, धर्म की हानि होने लगती है, तब भगवान मनुष्य के रुप में अवतार लेकर परमात्मा शिव हमें सुख और शांति का रास्ता बताते हैं। यही कारण है कि हमारें यहां कभी भगवान ने कृष्ण के रूप में तो कभी राम के रूप में अवतार लिया। कहा कि हमारे राम आ गए हैं। मंदिर वहीं बना है, जहां इसे बनाने का  संकल्प लिया गया था। इस कार्यक्रम में किस्टों, बिलारी, कल्याणपुर, कारो के बीके भाई-बहन शामिल हुए।

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