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Friday, November 22, 2024
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सरकार की जमीन पर बने क्वार्टरों पर बाहरी का कब्जा नहीं होने देंगे

अपना आशियाना बचाने एकजुट हुए सेवानिवृत सीमेंट कामगार

खलारी/डकरा – खलारी सीमेंट कारखाना के सेवानिवृत कामगार अपना आशियाना बचाने के लिए एकजुट हो गए हैं। इसे लेकर सेवानिवृत सीमेंट कामगारों व उनके परिवार के लोगों की एक बैठक एसीसी क्लब मैदान खलारी में हुई। बैठक में तय हुआ कि सेवानिवृत सीमेंट कामगारों की लड़ाई अब ‘एसीसी सेवानिवृत कामगार संघ’ के बैनर तले लड़ी जाएगी। बैठक में बताया गया कि खलारी सीमेंट लिमिटेड प्रबंधन सेवानिवृत कामगारों के क्वार्टरों को खाली कराने के लिए उन्हें कानूनी पेंच में फंसा रही है।

 

 

 

 

 

वृद्ध, बीमार सेवानिवृत कामगारों को कंपनी एक्ट में फंसाकर क्वार्टर खाली कराने का षड़यंत्र शुरू कर दिया गया है। करीब एक दर्जन वृद्ध अपना छत बचाने के लिए कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं। कहा गया कि खलारी सीमेंट लिमिटेड प्रबंधन सरकारी जमीन पर बने क्वार्टरों का कब्जा मोटी रकम लेकर दूसरों को दे रही है। पिछले दिनों खलारी आए पूर्व मंत्री बंधु तिर्की से मिलकर भी सेवानिवृत कामगार गुहार लगाए थे।

 

 

 

 

 

सेवानिवृत कामगारों ने खलारी प्रखंड क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों, सामाजिक, राजनीतिक संगठनों व आम जनता से सहयोग की अपील की है। कामगारों के सहयोग में युवा नेता प्रताप यादव भी उपस्थित थे। बैठक में रामप्रीत यादव, जब्बार अंसारी, वीमानचंद्र दास, सहदेव मुंडा, राजनकुमार लाल, मंगल मुंडा, विवेकानंद सिंह, बीरेन्द्र श्रीवास्तव, माखन राम, वशिष्ठ पांडेय, अनिता देवी, बेरनादेत एक्का, माया देवी, मंगरी देवी, फुलवा देवी, मंगल सिंह, एसएन सिंह, दिलीप पासवान, रवीन्द्रनाथ चौधरी, जुगेशर राम, प्रशांत पांडेय, शिवलाल राम, अनुपकुमार वर्मा, शंकर बोदरा, जगदीश सिंह सहित अन्य सेवानिवृत वृद्ध कामगार व काफी संख्या में कामगार परिवार के लोग उपस्थित थे।

एसीसी की लीज भूमि का उत्तराधिकारी होने का भ्रम फैलाए हुए है खलारी सीमेंट लिमिटेड

‘एसीसी सेवानिवृत कामगार संघ’ की बैठक में बताया गया कि विधानसभा में उठाए गए एक प्रश्न के जबाब में 09.7.2012 को बताया गया था कि सरकार द्वारा एसीसी कंपनी को दिया गया 987.84 एकड़ क्षेत्र का लीज नवीकरण 01.01.1971 से 20 वर्षों के लिए किया गया था। इसके अनुसार 31.12.1989 को समाप्त हो गया। द्वितीय नवीकरण के लिए 23.10.1989 को 222.10 एकड़ क्षेत्र पर आवेदन दिया गया था जो सरकार के समक्ष विचाराधीन है। पुनः तृतीय नवीकरण हेतु 16.11.2010 को मात्र 17.47 हेक्टेयर क्षेत्र पर आवेदन दिया गया जो लंबित है। कहा गया कि सरकार द्वारा 34 वर्षों से लीज नवीकरण का आवेदन विचाराधीन रखना तर्कसंगत नहीं है। एसीसी कंपनी वर्ष 1990 में ही खलारी सीमेंट कारखाना बेचकर जा चुकी है। खलारी सीमेंट लिमिटेड एसीसी कंपनी का उत्तराधिकारी बताते हुए राज्य सरकार के सैकड़ों एकड़ जमीन का मालिक होने का भ्रम फैलाए हुए है। इसी आधार पर सरकार के जमीन पर बने र्क्वाटरों का कब्जा बेचकर मोटी रकम कमा रही है। इसी उद्देश्य से कामगारों का क्वार्टर खाली कराने का षड़यंत्र किया जा रहा है। संघ द्वारा एक स्वर में कहा गया कि सरकार की जमीन पर बने क्वार्टरों पर बाहरी लोगों का कब्जा नहीं होने देंगे। इसे लेकर जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल अंचल अधिकारी खलारी से मिलेगा। आवश्यकता पड़ी तो सड़क पर आंदोलन किया जाएगा।

News – Kumar Prakash.

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