क्या गुमला जिला मुख्यालय अवैध हथियारों के खरीद फरोख्त का अड्डा बनता जा रहा हैं??
गुमला – गुमला जिला मुख्यालय के मुख चौराहा शहीद ( टावर ) चौक स्थित पंजाबी गली से अपाचे मोटरसाइकिल में सवार दो अपराधकर्मियों को पुलिस ने खदेड़ा और दबोचा। दो देशी पिस्टल बरामद, एक अपराधकर्मी पुलिस के हंथे चढ़ा। जबकि दूसरा अपराधकर्मी फरार होने में सफल रहा।
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि तो जिला मुख्यालय गुमला में , दो अपराधकर्मी शहर में एक बड़ी घटना को अंजाम देने वाले हैं। दोनों अपराधकर्मी एक अपाचे मोटरसाइकिल में सवार होकर घूम रहे हैं। गुप्त सूचना के सत्यापन और करवाई करने के उद्देश्य से पुलिस अपराधकर्मियों का पीछा कर रहे थे। इसी क्रम में दोनों अपराधकर्मी जैसे ही पंजाबी गली गुमला में घुसे पुलिस ने अपाचे बाइक से चाबी खिंचते हुए दोनों को दबोचना चाहा। इसी क्रम में एक अपराधकर्मी रिजवान अहमद थाना रोड के तरफ और दूसरा अपराधकर्मी संजय उरांव टावर चौक की तरफ भाग गए। संजय उरांव भागने में सफल रहा, जबकि दूसरा अपराधकर्मी रिजवान अहमद थाना रोड़ गुमला में पुलिस के हंथे चढ़ गया।
अपराधकर्मी ने पूछताछ के क्रम में बताया कि मैं गुमला – टोटो थाना , स्थित टोटो ग्राम निवासी हूं मेरा नाम रिजवान अहमद है। जबकि दूसरा फरार अपराधकर्मी, टैसरा ग्राम निवासी हैं। उनका नाम संजय उरांव है। दोनों देशी पिस्टल से मेरा कोई संबंध नहीं हैं, क्योंकि मैंने स्वयं ही गुमला सदर थाना पुलिस के एक पुलिसकर्मी को सूचना दिया था। मुझे ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मैं चाहता तो भाग सकता था, पर मैंने ऐसा नहीं किया। अपराधकर्मी, द्वारा गुप्त सूचना दियें जाने के दावें को अब तक अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है। वैसे दोनों अपराधकर्मियों की संयुक्त रूप से अपराध करने का इतिहास है। 2017 में दोनों अपराधकर्मियों ने गुमला थाना स्थित खटवा नदी के समक्ष एक लूट कांड को अंजाम दिया था। दोनों एक साथ गुमला जेल गए थे। जबकि संजय उरांव इस घटना से पूर्व भी आर्म्स एक्ट केस में जेल जा चुका है। पुलिस मामले की गहराई से छानबीन कर रही है। क्या गुमला जिला मुख्यालय अवैध हथियारों के खरीद फरोख्त का अड्डा और अवैध व्यापार में संलग्न है ??
News – गनपत लाल चौरसिया