HomeCrimeसायबर अपराधियों द्वारा किया जाने वाला पहचान की चोरी (Identity Theft)

सायबर अपराधियों द्वारा किया जाने वाला पहचान की चोरी (Identity Theft)

आज के डिजिटल युग में, जहाँ हर चीज़ ऑनलाइन हो चुकी है, वहीं पहचान की चोरी (Identity Theft) एक गंभीर अपराध बन गया है। सायबर अपराधी हमारे व्यक्तिगत डेटा की चोरी करके, उसका इस्तेमाल कई तरह के गलत कामों के लिए करते हैं। आइए जानें कि सायबर अपराधी पहचान की चोरी कैसे करते हैं और इससे कैसे बचाव करें।

चोरी के तरीके (Methods of Theft)

  • फिशिंग (Phishing): सायबर अपराधी ईमेल या एसएमएस के जरिए धोखे से किसी संस्था का रूप धारते हैं, जैसे बैंक या सरकारी संस्था। ये ईमेल या एसएमएस में किसी लिंक पर क्लिक करने या अपनी व्यक्तिगत जानकारी देने के लिए कहते हैं। असली दिखने वाली ये जालसाजी वेबसाइटें आपके डेटा को चुरा लेती हैं।

  • मैलवेयर (Malware): अपराधी आपके कंप्यूटर या मोबाइल में दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करवा देते हैं। ये मैलवेयर आपके डेटा को चुराकर सायबर अपराधियों तक पहुंचा देते हैं।

  • स्किमिंग (Skimming): एटीएम मशीनों पर स्किमिंग डिवाइस लगाकर आपका कार्ड डेटा चुराया जाता है। साथ ही, एक छोटा कैमरा आपके पिन को देख लेता है। इस तरह से अपराधी आपके एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर आपके खाते से पैसे निकाल सकते हैं।

  • डेटा उल्लंघन (Data Breaches): कभी-कभी कंपनियों के डेटाबेस भी हैक हो जाते हैं, जिससे हजारों लोगों की व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो जाती है। इस चोरी हुए डेटा को फिर काले बाजार में बेचा जाता है।

चोरी का दुरुपयोग (Misuse of Stolen Identity)

चुराई गई पहचान का इस्तेमाल करके अपराधी कई तरह के अपराध कर सकते हैं, जैसे:

  • फर्जी ऋण लेना (Taking Fake Loans): चुराए गए बैंक विवरणों का उपयोग कर अपराधी लोन ले लेते हैं और फिर फरार हो जाते हैं। इसका बोझ असली खाताधारक पर पड़ता है।
  • क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी (Credit Card Fraud): चुराए गए क्रेडिट कार्ड की जानकारी का उपयोग कर अपराधी ऑनलाइन खरीदारी कर सकते हैं।
  • बैंक खातों से चोरी (Theft from Bank Accounts): चुराए गए बैंक विवरणों का इस्तेमाल कर अपराधी आपके खाते से पैसे निकाल सकते हैं।

अपने आप को बचाएं (How to Protect Yourself)

  • अपनी व्यक्तिगत जानकारी को गोपनीय रखें (Keep Your Personal Information Confidential): अपनी जानकारी किसी को भी यूं ही शेयर न करें, खासकर ऑनलाइन। संदिग्ध ईमेल और एसएमएस के लिंक पर क्लिक न करें।
  • मजबूत पासवर्ड बनाएं (Create Strong Passwords): हर वेबसाइट के लिए अलग-अलग मजबूत पासवर्ड बनाएं। साथ ही, इन्हें नियमित रूप से बदलते रहें।
  • अपने उपकरणों को सुरक्षित रखें (Secure Your Devices): अपने कंप्यूटर और मोबाइल में एंटी-वायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें। साथ ही, इन्हें अपडेट रखें।
  • संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें (Report Suspicious Activities): अपने बैंक खातों में किसी भी संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज न करें। तुरंत अपने बैंक को सूचित करें।

अपनी सावधानी से आप सायबर अपराधियों के जाल में फंसने से बच सकते हैं। इंटरनेट का सुरक्षित रूप से इस्तेमाल करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें।

Article by – Ashok kumar , Cyber Crime Expert

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