गिरिडीह : झारखंड मुक्ति मोर्चा से बागी होकर कोडरमा लोस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे गाण्डेय के पूर्व विधायक प्रो. जेपी वर्मा को जेएमएम केन्द्रीय कमेटी ने सभी पदों से मुक्त करते हुए पार्टी संगठन से निलम्बित कर दिया है। शनिवार को कार्रवाई की जानकारी जेएमएम के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने दी। पार्टी द्वारा निर्गत पत्र में जेएमएम के महासचिव बिनोद पांडेय ने पार्टी सुप्रीमो सांसद शिबू सोरेन के निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि जयप्रकाश वर्मा ने पार्टी लीक से हटकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। ऐसे में जेएमएम इसे सहन नहीं करनेवाली है. हालांकि फिलहाल सिर्फ निलंबन किया है। जिससे विरोधी खेमा अपने-अपने तरीके से जेपी वर्मा के निर्दलीय चुनाव लड़ने का आंकलन करने में जुटे हुए हैं। जेएमएम आलाकमान ने कहा कि कोडरमा से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी भाकपा माले के विधायक बिनोद कुमार सिंह को जेएमएम का पूरा समर्थन है। शिबू सोरेन के निर्देश पर ही पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा को पार्टी के हर पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित जाता है।
कोडरमा से टिकट मिलने की उम्मीद में ही भाजपा छोड़ झामुमो का दामन थामा था
उल्लेखनीय है कि कोडरमा से लोस का टिकट मिलने के आश्वासन पर दो साल पहले प्रो. वर्मा ने भाजपा से इस्तीफा देकर जेएमएम की सदस्यता ग्रहण की थी। लेकिन महागठबंधन में कोडरमा सीट चले जाने के कारण जेएमएम नेता चाहकर भी कुछ नहीं कर सके, जिससे गुस्साए प्रो. वर्मा बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी बनकर चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। जानकारों की मानें तो कोडरमा संसदीय क्षेत्र में 1977 के बाद से लगभग लोस चुनावो में प्रो. वर्मा के स्वजातीय वोटरों की संख्या हार-जीत में निर्णायक रही है। लेकिन अब तक के हुए चुनावों में कोयरी समाज के मतदाताओं का झुकाव भाजपा की तरफ ही रहा है। 2014 में गाण्डेय विस सीट से प्रो. जेपी वर्मा भाजपा के टिकट पर ही विधायक बने थे। लेकिन 2019 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर इन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. इसके बाद से ही पार्टी संगठन से इन्होंने दूरी बना ली और फिर जेएमएम का दामन थाम लिया, वहां भी इन्हें लक्ष्य हासिल नहीं हुआ। अब कोडरमा में निर्दलीय भाग्य आजमा रहे हैं।