गुमला – छत्तीसगढ़ पुलिस और झारखंड बॉर्डर के सुरसांग थाना ने एक संयुक्त अभियान के तहत 44 गोवंशीय पशुओं और 14 वाहनों को जब्त किया। हालांकि, तस्कर मौके से भागने में सफल रहे।
छत्तीसगढ़ पुलिस का ड्रोन ऑपरेशन: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के नेतृत्व में 125 पुलिसकर्मियों ने ड्रोन की मदद से साईं टांगर टोली क्षेत्र में छापेमारी की। इस ऑपरेशन में 14 वाहन और 35 गोवंशीय पशुओं को जब्त किया गया।
झारखंड बॉर्डर पर कार्रवाई: झारखंड के गुमला जिला अंतर्गत सुरसांग थाना के थाना प्रभारी संतोष प्रसाद सिंह की अगुवाई में 9 गोवंशीय पशुओं को जब्त किया गया। ये पशु पैदल तस्करी के लिए ले जाए जा रहे थे।
तस्करी का मुख्य अड्डा: साईं टांगर टोली और बरगी टांड़, जो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड के बॉर्डर पर स्थित हैं, गोवंशीय पशुओं की तस्करी का मुख्य अड्डा माना जाता है। यहां के अधिकांश लोग गोवंशीय पशुओं की तस्करी में संलिप्त हैं और अपनी जीविका चलाते हैं।
तस्करी पर नियंत्रण का अभाव: रायडीह और सुरसांग थाना क्षेत्रों में समय-समय पर गोवंशीय पशु, वाहन और तस्करों की गिरफ्तारी के बावजूद भी तस्करी की गतिविधियां बंद नहीं हो रही हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस अवैध धंधे के पीछे कुछ राजनेताओं और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत है। यह तस्करी का धंधा करोड़ों रुपये का है और इसके तार छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से जुड़े हुए हैं, जिसे समाप्त करना बेहद कठिन हो गया है।
News – गनपत लाल चौरसिया