आंदोलनकारियों को 50-50 हजार की पेंशन राशि से आखिर क्यों वंचित किया जा रहा है…सरकार जवाब दे…!
रांची : झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक एवं प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि 24 अगस्त को झारखंड आंदोलनकारी अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए जी जान से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे और झारखंड आंदोलनकारियों को अपनी अलग पहचान और झारखंड की डेमोग्राफी को बचाने की लड़ाई लड़ने का संकल्प लेंगे. श्री महतो सोमवार को चुटिया के ढुमसा टोली स्थित स्व. सुशील कच्छप के आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उक्त बातें कही. उन्होंने बताया कि 24 अगस्त को रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका के समक्ष हजारों की संख्या में झारखंड आंदोलनकारी गण अपने अधिकारों एवं झारखंड अलग राज्य के मूल्यों की रक्षा का संकल्प सभा में भाग लेंगे.
‘राज्य में समता जजमेंट अभी तक लागू नहीं हुआ?’
उन्होंने कहा कि सीएनटी, एसपीटी एक्ट, पेसा कानून, पांचवी अनुसूचित क्षेत्र, परंपरा एवं व्यवस्था को बचाने का है. राज्य में समता जजमेंट लागू करना एवं 26 परसेंट रॉयल्टी का अधिकार आदिवासियों को दिलाना, संविधान की धारा 39बी के तहत प्राकृतिक संसाधनों पर झारखंडियों पर अधिकार दिलाने का है. उन्होंने कहा कि राज्य बनने के 23 वर्षों के बाद भी झारखंड आंदोलनकारियों को राजकीय मान सम्मान, अलग पहचान, रोजी-रोजगार, नियोजन की गारंटी 100 फ़ीसद एवं जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी आंदोलनकारियों को समान रूप से सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रुपया सरकार द्वारा नहीं दिया जाना दुर्भाग्य की बात है.
झारखंड में नियोजन की गारंटी को लेकर करो या मरो की स्थिति : जितेंद्र सिंह
मौके पर उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने कहा कि झारखंड की आवाज को अब नहीं दबाया जा सकता. आंदोलनकारियों के समक्ष अपनी अलग पहचान, रोजी रोजगार एवं नियोजन की गारंटी को लेकर करो या मारो की स्थिति है. झारखंड के विकास के नाम पर पलायन एवं विस्थापन झारखंडियों को हाशिये पर पहुंचा दिया है. इसलिए 24 अगस्त को झारखंड के आंदोलनकारी बड़ी संख्या में अपने परंपरागत अस्त्र-शस्त्र, वेशभूषा ,वाद्य यंत्रों के साथ आएंगे और एक उलगुलान और का आगाज करेंगे. इस कार्यक्रम में हमारे संस्थापक पुष्कर महतो मुख्य वक्ता होंगे. केंद्रीय संयोजिका श्रीमती सरोजिनी कच्छप ने कहा कि हमलोगों ने अपने संघर्ष, त्याग और कुर्बानियां देकर झारखंड राज्य लिया है. आज झारखंड में हमारे बाल बच्चों का सबसे पहला हक अधिकार रोजी रोजगार नियोजन पर होना चाहिए, लेकिन हमारे बच्चे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, इसे हम कदापि बर्दाश्त नहीं करेंगे.
झारखंड लूटखंड में तब्दील हो गया है : रोजलीन तिर्की
दक्षिण छोटानागपुर प्रजामंडल की अध्यक्ष श्रीमती रोजलीन तिर्की ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के अनुरूप नहीं बना है, बल्कि झारखंड लूटखंड में तब्दील हो गया है. हमारा पूरा झारखंडी समाज देश ही नहीं पूरी दुनिया में बदनाम हो रहा है. हमारी पहचान व हमारे खतियान को मिटाने की साजिश रची जा रही है. हमारे अधिकारों का हमले किए जा रहे हैं. ऑनलाइन लगान रसीद के माध्यम से हम झारखंडियों को उजाड़ने की कोशिश हो रही है.ऐसे में हम चुप नहीं रह सकते. हम लड़े थे और अपने व बाल बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ेंगे. 24 अगस्त को सभी आंदोलनकारी गोलबंद होकर अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की आवाज बुलंद करेंगे.